कार्रवाई या मजाक: माफिया के 102 डंपर जब्त किए थे, 50 गायब

भोपाल। बिना हेलमेट चलने वाली बाइक को दबोचने के लिए पूरी फौज लगा देने वाली मप्र सरकार रेत माफिया के अवैध डंपरों की धरपकड़ में प्राइमरी के बच्चे की तरह लापरवाही दर्ज करा गई। गुरूवार रात ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 102 डंपर जब्त किए गए थे। अब केवल 52 डंपर बचे हैं। अधिकारियों का कहना है कि 50 गायब हो गए। अधिकारी प्राइमरी के बच्चों जैसा जवाब दे रह हैं कि पकड़े गए डंपरों के नंबर तक नोट नहीं किए थे। यह सबकुछ तब हुआ है जब कलेक्टर निशांत वरबड़े खुद खनिज विभाग के कर्मचारियों की डेली रिपोर्टिंग ले रहे हैं। सवाल यह है कि गायब हो गए या गायब करवा दिए गए, क्योंकि मप्र में रेत माफिया की पहुंच सीएम हाउस तक है। 

गुरुवार की रात भोपाल में एक साथ कई इलाकों में छापामार कार्रवाई कर 102 डंपर जब्त किए गए थे। कार्रवाई के बाद प्रशासन और पुलिस के अफसर मौके से लौट गए। वहीं पकड़े गए डंपर और ट्रकों को लाल परेड ग्राउंड में रखवाने की जिम्मेदारी खनिज अधिकारियों को सौंप दी। 11 मील बायपास पर खड़े कराए गए 12 डंपरों के ड्राइवरों के भाग जाने के कारण इनकी हवा निकालकर रोड किनारे खड़ा करा दिया गया था। 4 डंपर एक पेट्रोल पंप पर खड़े करा दिए गए थे। शुक्रवार को दिनभर इन डंपरों की जांच करने कोई नहीं पहुंचा। खनिज अमला दिनभर लाल परेड ग्राउंड में खड़े 52 ट्रकों की रेत की नपती और जब्ती की कार्रवाई में व्यस्त रहा। 

माफिया आया, रेत उतारकर डंपर ले गया
शनिवार को जब खनिज अमला शनिवार पहुंचे तो डंपर गायब देख उनके होश उड़ गए। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार रात तक यहां खड़े डंपरों की जब्ती नहीं होने का फायदा उठाकर डंपर मालिक ड्राइवर और कंप्रेशर मशीन साथ लेकर आए। डंपरों से रेत को सड़क किनारे उड़ेली और टायरों में हवा भरकर चंपत हो गए।

माफिया को पहले से पता था कार्रवाई होने वाली है 
रेत के डंपरों पर प्रशासन के कार्रवाई के बारे में मुख्यमंत्री के नाम से पर्चा जारी करने वाले बड़े रेत कारोबारियों को प्रशासन की कार्रवाई के दिन और वक्त की पहले से ही जानकारी लग गई थी। यही कारण है कि इन लोगों के डंपर गुरुवार को सड़कों से हटा लिए थे। पर्चे में लिखा है कि होशंगाबाद और भोपाल सेंड ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने एक बैठक कर 16 फरवरी यानी गुरुवार के दिन से बगैर रायल्टी और क्षमता से अधिक रेत भरकर नहीं चलाने का निर्णय लिया है। पर्चा जारी करने वाले तुलाराम चौहान, मुट्ठा सेठ, अजय पाल सिंह, मनोज बाथरे, मयंक राजपूत और मुकेश अग्रवाल किसी के भी डंपर और ट्रक नहीं पकड़े गए।

डंपर पकड़े वाले खनिज अधिकारी को हटाया, अब खाली है पद 
भोपाल जिले में खनिज अधिकारी का पद पिछले 4 माह से खाली पड़ा हुआ है। 25 सितंबर को होशंगाबाद रोड पर रतनपुर में नया खनिज नाका स्थापित करने के लिए एडीएम रत्नाकर झा और खनिज अधिकारी ललित मोहन गोयल ने निरीक्षण किया था, इसी दौरान बिना रॉयल्टी के तुलाराम चौहान के दो डंपर पकड़े गए थे। इस मामले में कलेक्टर कोर्ट से तुलाराम चौहान को 10 लाख रुपए जुर्माने का नोटिस भी जारी किया गया लेकिन इस कार्रवाई के बाद खनिज अधिकारी ललित मोहन गोयल को जिला खनिज कार्यालय से हटाकर खनिज संचालनालय में अटैच कर दिया गया। इसके बाद बिना जुर्माना जमा कराए ही तुलाराम चौहान के डंपर भी छोड़ दिए गए। इस घटना के बाद से ही जिले में डंपर और ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई पूूरी तरह बंद थी।

चार्ज एडीएम पर लेकिन रिपोर्ट कलेक्टर लेते हैं
इसके बाद खनिज अधिकारी का प्रभार कुछ दिनों के लिए एडीएम दिशा नागवंशी को सौंप दिया गया। नवंबर माह में नागवंशी से चार्ज लेकर प्रोबेशन पीरियड पूरा कर आए आईएएस आशीष भार्गव को एडीएम बनाते हुए उन्हें माइनिंग अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया। जिला पंचायत सीईओ बनाए जाने के बाद भी माइनिंग अधिकारी का चार्ज भार्गव ही संभाल रहे हैं। हालांकि यह बात और है कि खनिज विभाग का अमला पिछले चार माह से सीधे कलेक्टर निशांत वरवड़े को ही रिपोर्ट करता है।

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