FOR TOBACCO FREE DELHI: केजरीवाल सरकार write to DELHI POLICE

NEW DELHI NEWS | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के खाद्य सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर राजधानी में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तम्बाकू तथा अन्य ऐसे सभी तम्बाकू उत्पादों के भंडारण, निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने को कहा है। दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (प्रवर्तन) को लिखे पत्र में विभाग के  उपायुक्त ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि माननीय न्यायालय ने गुटखा ,तम्बाकू वाला पान मसाला तथा निकोटिन की बिक्री और निर्माण पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। 

अपने पत्र के साथ सर्वोच्च न्यायलय के 23 सितंबर 2016 के आदेश की कापी संलग्न करते हुए खाद्य उपायुक्त जय प्रकाश ने राजधानी में अदालत के आदेश को पूरी तरह पालन कराने का आग्रह किया है। 

श्री प्रकाश ने पुलिस उपायुक्त (प्रवर्तन) को गुटखा ,तम्बाकू वाला पान मसाला तथा निकोटिन की बिक्री और निर्माण पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने पहले ही 13 अप्रैल 2016 को अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना को दिल्ली उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर कर चुनौती दी गई। लेकिन सर्वोच्च न्यायलय ने सेंट्रल एरनकोट मार्केटिंग एंड कारपोरेशन एवं अन्य बनाम भारतीय संघ के मामले की सुनवाई करते हुए 23 सितंबर 2016 को गुटखा , तम्बाकू वाले पान मसालों  और निकाटिन की बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के आदेश दे दिए। 

खाद्य उपायुक्त ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले से ही अधिसूचना जारी कर राजधानी में सुंगधित, स्वादिष्ट ,किसी भी प्रकार मिश्रित किए जाने वाले गुटखा , पान मसाला  या  ऐसे किसी भी नाम के तम्बाकू उत्पादों की बिक्री, भंडारण और निर्माण पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध पैकेट खुले में बिने वाले तम्बाकू  उत्पाद पर भी लागू होगा। ऐसे में दिल्ली पुलिस को इस अधिसूचना के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।  

गौरतलब है कि हैल्थ फाउंडेशन की ओर से पिछले दिनों एक प्रतिनिधमंडल ने खाद्य सचिव से सर्वोच्च न्यायलय के इस आदेश का पालन कराने के लिए मिले थे। टाटा मेमोरियल के प्रोफेसर एंव कैंसर सर्जन डा.पकंज चतुर्वेदी ने भी दिल्ली सरकार के इस कदम की प्रशंसा की है और उम्मीद जताई है कि दिल्ली पुलिस लोकहित को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायलय के आदेश को पूरी तरह पालन कराने में सहयोग करेगी। कैंसर का 40 प्रतिशत कारण तंबाकू है। अस्पताल में प्रतिदिन जो कैंसर रोगी आते है उनकी उम्र बहुत कम होती है। जेा कि बेहद चिंताजनक है।
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