नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद शुरू हुईं बैंक खातों पर पाबंदियों ने कई लोगों को परेशान कर रखा था। अब चुनाव आयोग का नाम भी इस लिस्ट में आ गया है। नोटबंदी की पाबंदी से भड़के चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है। इससे पहले ईसी ने आरबीआई को एक चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि वो 4 राज्यों में विधानसभा प्रत्याशियों की नगदी आहरण लिमिट बढ़ा दे।
चुनाव आयोग ने आरबीआई को फटकार लगाते हुए कहा है कि ये फैसला सही नहीं है। आपको बता दें कि 24 जनवरी को चुनाव आयोग ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल को एक पत्र लिखा था और उनसे उम्मीदवारों के कैश ट्रांजेक्शन की लिमिट को 24000 से 2 लाख रुपए करने की अपील की थी। आयोग ने मणिपुर, गोवा, यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए कैश ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया था, जिसे आरबीआई ने मानने से इंकार कर दिया है।
चुनाव आयोग ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि आरबीआई मुद्दे की गंभीरता को नहीं समझ रहा है। उन्होंने लिखा है कि चुनाव को स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं। यह चुनाव आयोग का दायित्व है कि वह सभी उम्मीदवारों के लिए सामान अवसर उपलब्ध करवाए, लेकिन इससे लिए आरबीआई की ओर से निराशा मिली है।
आयोग ने कहा है कि 24,000 साप्ताहिक निकासी सीमा के कारण उम्मीदवार चुनाव से पहले मिलने वाले तीन-चार सप्ताह के दौरान सिर्फ 96,000 रुपये ही निकाल पा रहे है, जबकि उन्हें अधिकतम 28 लाख तक खर्च करने की अनुमति मिली है।