वारंट के बावजूद कैलाश विजयवर्गीय के गवाहों को गिरफ्तार नहीं किया

इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर चुनाव याचिका पर बुधवार को विजयवर्गीय की ओर से छह गवाहों के बयान कराए गए। कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर इन सभी का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। गवाहों ने कोर्ट में स्वीकारा कि वे थाने गए थे, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई।

विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव याचिका अंतर सिंह दरबार ने दायर की है। उनकी ओर से वकील रवींद्र सिंह छाबड़ा और विभोर खंडेलवाल पैरवी कर रहे हैं। विजयवर्गीय की ओर से कोर्ट में 15 गवाहों की सूची पेश हुई थी। पिछली सुनवाई पर इनमें से पांच के बयान हो चुके हैं। तीन फरार चल रहे हैं। कोर्ट ने शेष सात गवाहों का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इनमें से 6 बुधवार को बयान देने के लिए उपस्थित हुए।

वकील छाबड़ा और खंडेलवाल के मुताबिक बयान देने आए गवाह पुलिस कर्मियों के साथ चाय और भजिए खाते पीते रहे। यह बात उन्होंने बयान में भी स्वीकारी। गवाहों ने यह भी कहा कि मोहर्रम कार्यक्रम के लिए मंच उन्होंने लगाया था, लेकिन इसकी अनुमति चुनाव आयोग से लेने के बजाय पुलिस से ली थी। मेडल और ट्रॉफी उन्होंने खरीदी थी, लेकिन इसका कोई बिल वे पेश नहीं कर सके।

ओरिजनल सीडी पेश करने के आदेश
खंडेलवाल ने बताया कि पुलिस द्वारा मोहर्रम कार्यक्रम की ओरिजनल सीडी पेश नहीं करने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई पर इसे अनिवार्य रूप से पेश किया जाए। अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।

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