हड़ताली पंचायत सचिवों ने मुंडन कराया | 8वां दिन

सागर। वेतनमान और अधिकारों में कटौती किए जाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे सरपंच-सचिव बुधवार को भी पीली कोठी के पास धरने पर डटे रहे। हड़ताल के आठवें दिन 5 सचिवों ने मुंडन कराके विरोध जताया और विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेशचंद शर्मा 7 जनवरी को आमसभा कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।

मप्र पंचायत सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष जगन्नाथ प्रसाद गाश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2013 में सहायक अध्यापक के समान सचिवों को वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति और सरपंचों का सत्कार भत्ता 5000 रुपए देने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। वहीं प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया ने योजनाओं में कांटछांट कर सरपंच सचिवों के अधिकार छीन लिए हैं।

5 सचिवों ने कराए मुंडन
हड़ताल के आठवें दिन सरकार के विरोध स्वरूप 5 सचिवों ने मुंडन करा कर विरोध जताया। धरना स्थल पर सचिव परसादी सेन, मुन्ना सिंह, जाहर सिंह, हुकम सिंह एवं गिरजानंदन ने मप्र शासन के तुगलकी आदेशों के खिलाफ मुंडन कराया। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती हमारा आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के बाद सरपंच-सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह बामौरा की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जताया।

प्रांतीय अध्यक्ष की आमसभा 7 को, 10 को मटका रैली
तालाबंदी आंदोलन के अगले चरण में 7 जनवरी को सरपंच-सचिव संघ के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में एक जनसभा एवं रैली निकाली जाएगी। सरपंच एवं सचिव संयुक्त रूप से सरकार के खिलाफ रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को देंगे। इसके बाद 10 जनवरी को भोपाल में प्रदेश भर के सरपंच एवं सचिवों द्वारा मटका फोड़ रैली निकाली जाएगी, जिसमें पंचायतों की चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपी जाएंगी। धरना देने वालों में महेंद्र सिंह, पुरषोत्तम नायक, माधव सिंह, अवध नारायण, प्रदीप सहित कई सचिव मौजूद थे।

हड़ताल से पंचायतों में कामकाज ठप
सरपंच एवं सचिवों की हड़ताल के चलते जिले की सभी 755 पंचायतों में कामकाज ठप हो गया है। सचिवों की हड़ताल के कारण लोग बीपीएल कार्ड, पेंशन, रोजगार सहायकों के कार्य, निर्माण एवं मनरेगा सहित अन्य कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हितग्राही जनपद सीईओ से लेकर जिला पंचायत सीईओ से भी इसकी शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्य नहीं हो रहे हैं।

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