संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अप्रैजल का करेंगें बहिष्कार: महासंघ करेगा आंदोलन

भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बतलाया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों, अधिकारियों का विभाग दोबारा से अप्रैजल लेने जा रहा है। पिछले वर्ष हुये अप्रैजल में काफी हंगामा हुआ था क्योंकि अप्रैजल टीम ने योग्य लोगों को भी संविदा की नौकरी से बाहर कर दिया था जिसके कारण संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने लगातार आंदोलन, धरना प्रदर्शन किया था उसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों ने संज्ञान लेकेर कर्मचारियों को वापस लिया था। 

इस बार विभाग द्वारा फिर वर्ष 2017 का अप्रैजल लिये जाने की कार्यवाही चल रही है। जिसके विरोध में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ आ गया है। संविदा महासंघ ने अप्रैजल के बहिष्कार का निर्णय लेकर कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा, स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ज्ञापन सौंप दिया है कि यदि अप्रैजल किया गया तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत पचपन हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी अप्रैेजल का बहिष्कार कर राजधानी भोपाल में धरना देंगें।

महासंघ का पक्ष - 
(1) सभी कर्मचारी अधिकारी विधिवत् प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर चयनित हुये हैं । जिसके कारण बार-बार अप्रैजली के नाम पर उनकी परीक्षा ली जाना उचित नहीं है । 
(2) जिलों में आहरण संवितरण के अधिकार और आदेश देने के अधिकार संविदा कर्मचारियों के पास नहीं हैं और वो नियमित अधिकारियों के पास हैं। ऐसे में संविदा कर्मचारी कार्य की कम प्रोग्रेस के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। 
(3) अप्रैजल में नियमित अधिकारियों को शामिल नहीं किया जाता केवल संविदा कर्मचारियों का अप्रैजल लिया जाता है जो कि न्यायोचित नहीं है।

महासंघ का आरोप
पिछली बार अप्रैजल में कर्मचारियों से अप्रैजल में पास करने के नाम पर लिये गये दस-दस हजार रूपये। अप्रेजल में जिला स्तर पर जो समितियां बनाई जाती हैं उनके द्वारा काफी भ्रष्टाचार किया जाता है। पैसे ले लेकर नम्बर दिये जाते हैं कार्य का मूल्यांकन किया जाता है। इसलिए संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा यदि अप्रैजल लिया जाता है तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग के समस्त संविदा कर्मचारी और अधिकारी अप्रैजल का बहिष्कार करेंगें । तथा साथ ही प्रदेश के समस्त विभाग के ढाई लाख संविदा कर्मचारी और अधिकारी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को शोषण के विरोध में मैदान में उतरेंगें। 

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