दलित महिला चिढ़ाने के लिए घर से बनाकर लाती है मिड-डे मील

टीकमगढ़। बुंदेलखंड में जातिगत संघर्ष लगातार चलता रहता है। कभी दलित दूल्हे को घोड़ी पर बारात निकालने नहीं दी जाती तो कभी दलित वर्ग के लोग जातिवाद का आरोप लगाकर ठाकुरों की निजी जमीन पर दाह-संस्कार कर आते हैं। 

यह आ रही है खबर 
फिलहाल मामला एक स्कूल में मिड-डे मील का है। खबर आ रही है कि उस स्कूल के ज्यादातर बच्चे इसलिए मिड-डे मील नहीं खाते क्योंकि उसे दलित महिला पकाती है। मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया है। यूपी में चुनाव हैं और टीकमगढ़, यूपी से लगा हुआ जिला है। इसलिए मामला और भी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। 

ये है बयान
खाना बनाने वाली महिला के बेटे के मुताबिक कुल बच्चों में से सिर्फ बारह बच्चे मिड-डे का खाना खाते हैं बाकी ऊंची जाति के बच्चें कहते हैं कि हम तुम्हारा खाना नहीं खाएंगे क्योंकि तुम हमारी बिरादरी के नहीं हो। उनकी मां घर पर खाना बनाती हैं। 

और ये रही असलियत
दरअसल, यहां दलित महिला जान बूझकर लोगों को चिढ़ाने के लिए अपने घर से भोजन बनाकर लाती है। हेडमास्टर खुद परेशान है। उनका कहना है कि मध्याह्न भोजन स्कूल के किचिन में बनना चाहिए, किसी के घर में नहीं। खाना किसी के घर में बना है इसलिए बच्चे हिचकिचा रहे हैं।

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