
पिछली भर्ती परीक्षा में 21% राजस्थान के छात्र संविदा शिक्षक बन गये थे। अभी पुलिस आरक्षक भर्ती में 60% लोग बिहार और उत्तरप्रदेश के लड़के चुने गये हैं।
आखिर ये समस्या कैसे पैदा हुई ?
व्यापम परीक्षाओं (ग्रेड 2,3,4) में पहले मध्यप्रदेश का मूलनिवासी होना एवं मूलनिवास वाले जिले में आवेदक का वैध रोजगार पंजीयन अनिवार्य था। व्यापम घोटाला के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार ने चुपके से नियमों में परिवर्तन कर दिया। बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को फर्जीवाडा करके भर्ती करने के लिये -मध्यप्रदेश का मूलनिवासी होने एवं रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता हटा दी और मध्यप्रदेश का मूलनिवासी के स्थान पर आवश्यक योग्यता "भारत का निवासी अथवा नेपाल या भूटान की प्रजा" कर दिया। इसी नियम का लाभ उठाकर राज्यपाल रामनरेश यादव ने आजमगढ़ उप्र के 58 लड़कों को व्यापम घोटाला करके सरकारी नौकरी दिलवा दी।
शिवराज ऐसी क्या लाचारी है?
व्यापम घोटाले की आगे भी मार जारी है
क्या अगले घोटाले की फिर से तैयारी है?
प्रमोशन में आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रही शिवराज सरकार कहती है कि जब तक किसी भी दूसरे राज्य में प्रमोशन में आरक्षण लागू रहेगा, मप्र में भी दिया जाएगा। वही शिवराज सरकार जब हमें अन्य राज्यों में भर्ती की पात्रता नहीं है तो अन्य राज्यों के लोगों को मध्यप्रदेश में पात्रता क्यों दे रही है। असली चाल समझो। मध्यप्रदेश छात्र हित में अधिक से अधिक शेयर करें।