
विदित हो कि प्रदेश में साल 2007 से लगातार शासकीय शिक्षक विहीन शालाओं में बीएड, डीएड, डिग्रीधारी अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ है और दैनिक अकुशल मजदूर से भी कम दैनिक कार्य दिवस के मान से मानदेय पर शिक्षण कार्य कर रहे है। अतिथि शिक्षकों ने अपने बीबी बच्चों सहित भविष्य का वास्ता देकर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन दिये। धरना प्रदर्शन किया। शिवराज की पुलिस की लाठी खाई। अतिथि शिक्षकों को नियमित करो बाबजूद इसके सरकार ने कोई ध्यान नही दिया।
बुद्धजीव अतिथि शिक्षको ने समय को ध्यान में रखते हुये। माना कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री व्यापंम घोटाले का सामना कर रहे है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री ध्यान नही दे पा रहे हैं और स्कूलो में जाना बंद कर दे तो प्रदेश की शालाओं में ताले लटक जाते और गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित होते रहते है। जिससे शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। बुद्धजीव अतिथि शिक्षको ने शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का ख्याल रखा लेकिन शिवराज सरकार अतिथि शिक्षकों के बीबी बच्चो का भविष्य चौपट करने में लगी हुई है। अब अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अगामी विधान सभा चुनाव के पहले अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर नियमित करने की मांग की है।