प्राकृतिक ॐ वैली के सिरे पर स्वास्तिक आकार में बसाया था पवित्र हिंदू नगर भोपाल

भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के प्राचीन रहस्य उजागर हो रहे हैं। यहां हजारों साल पुरानी एक ओमवैली है। यदि दूर आसमान से देखेंगे तो प्राकृतिक ॐ बना हुआ दिखाई देगा। यह हेलीकॉप्टर से नहीं दिखेगा लेकिन सैटेलाइट में हमेशा दिखाई देता है। इसी ॐ के पहले सिरे पर स्थापित किया गया था भोपाल शहर। यहां बताना जरूरी है कि भोपाल शहर स्वास्तिक के आकार में बनाया गया था। निष्कर्ष यह कि राजा भोज ने इसे पवित्र हिंदू शहर बनाया था। आस्थावादियों के लिए शुभ समाचार यह है कि आसमान से दिखाई देने वाली ॐ वैली के ठीक मध्य में 1000 वर्ष प्राचीन भोजपुर का शिवमंदिर स्थापित है। मध्यप्रदेश में ओमकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के पास भी ऐसी ही प्राकृतिक ओमवैली दूर आसमान से दिखाई देती है। 

वैज्ञानिकों की नजर में यह ओम वैली है। इसके सैटेलाइट डाटा केलिबरेशन और वैलिडेशन का काम मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को मिला है। परिषद की ताजा सैटेलाइट इमेज से ‘ॐ’ वैली के आसपास पुराने भोपाल की बसाहट और एकदम केंद्र में भोजपुर के मंदिर की स्थिति स्पष्ट हुई है। वैज्ञानिक चकित हैं। पुरातत्वविदों के पास राजा भोज की विद्वता के तर्क हैं। परिषद के वैज्ञानिक डॉ. जीडी बैरागी ने बताया, डाटा केलिबरेशन और वैलिडेशन के लिए हमें ठीक उस वक्त ओम वैली का ग्राउंड डाटा लेना होता है, जिस समय सैटेलाइट (रिसोर्स सेट-2) शहर के ऊपर से गुजरे। यह सैटेलाइट 24 दिनों के अंतराल पर भोपाल के ऊपर से गुजरता है। इससे गेहूं की खेती वाली जमीन की तस्वीरें ली जाती हैं।

समरांगण सूत्रधार के आधार पर बसा भोपाल
भोजकालीन भोपाल के रिसर्चर संगीत वर्मा बताते हैं कि भोज एक राजा ही नहीं कई विषयों के विद्वान थे। भाषा, नाटक, वास्तु, व्याकरण समेत अनेक विषयों पर 60 से अधिक किताबें लिखी। वास्तु पर लिखी समरांगण सूत्रधार के आधार पर ही भोपाल शहर बसाया गया था। गूगल मैप से वह डिजाइन आज भी वैसा ही देखा जा सकता है।

एक्सपर्ट व्यू : भोज के समय ग्राउंड मैपिंग कैसे हुई यह रिसर्च का विषय
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के लिए भोजपुर मंदिर का इंटरप्रेटेशन सेंटर तैयार करने वाली आर्कियोलॉजिस्ट पूजा सक्सेना ने बताया कि, ओम की संरचना और शिव मंदिर का रिश्ता पुराना है। देश में जहां कहीं भी शिव मंदिर बने हैं, उनके आसपास के ओम की संरचना जरूरी होती है। इसका उदहारण है ओंकारेश्वर का शिव मंदिर। परमार राजा भोज के समय में ग्राउंड मैपिंग किस तरह से होती थी इसके अभी तक कोई लिखित साक्ष्य तो नहीं है, लेकिन यह रिसर्च का रोचक विषय जरूर है। सैटेलाइट इमेज से यह बहुत स्पष्ट है कि भोज ने जो शिव मंदिर बनवाया, वह इस ओम की आकृति के बीचोबीच स्थापित है। भोज की रचनाएं हर जगह चौंकाती है।
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