चापलूस अधिकारी ने छाप दी मोदी की चरखे वाली तस्वीर

नईदिल्ली। भाजपा दलीलें चाहे जितनी भी दे लेकिन आखरी सच यही है कि ग्रामोद्योग के केलेण्डर कांड से फायदा कतई नहीं और नुक्सान ज्यादा हो गया है। 5 राज्यों में चुनाव से पहले मोदी को गांधी से रिप्लेस करना हर हाल में हानिकारक ही है। खबर आ रही है कि मोदी खुद इससे काफी नाराज हैं और पीएमओ ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांग लिया है। सूत्र बता रहे हैं कि एक चापलूस अफसर ने मोदी को खुश करने के लिए उनसे पूछे बिना यह हरकत कर डाली। खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर गांधी के बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरखे वाली फोटो छाप दी। 

बड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मसले से पीएम नाराज हैं। बिना इजाजत सरकारी या प्राइवेट एंटिटी की तरफ से प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जियो और पेटीएम के विज्ञापनों में भी प्रधानमंत्री की फोटो का बिना इजाजत इस्तेमाल हुआ है।

कांग्रेस का हमला 
खादी के कैलेंडर पर मोदी की फोटो छपने के बाद से ही विरोधी लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि पीएम की चिंता अपने पीआर कैंपेन पर ज्यादा है। कौन सा कुर्ता पहनना है ? कैसा लगना है? क्या ट्वीट करना है ? और क्या whatsapp करना है ? यही पीएम मोदी की विचारधारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने भी इसी मुद्दे को और आगे ले जाते हुए कहा कि गांधी और मोदी की तुलना नहीं हो सकती।

पीएमओ की सफाई
विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पूरे मसले को रफा-दफा करते हुए कहा कि इसमें कोई विवाद उनको नहीं दिखता और गांधी की तस्वीर छपना कोई तय नियम या कानून नहीं है।

बीजेपी की दलील
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा था कि एक गैर मुद्दे को बेवजह तुल दिया जा रहा है। साथ ही दावा किया किया केवीआईसी के कैलेंडरों और डायरी में गांधीजी के चित्रों का 1996, 2002, 2005, 2011, 2012 और 2013 में उपयोग नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि केवीआईसी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि केवल गांधीजी के चित्र का ही उपयोग किया जा सकता है।

मोदी सख्त नाराज हैं
दलीलें कोई कुछ भी दे रहा है तो लेकिन 5 राज्यों के चुनाव से पहले बेवजह उठे इस बवंडर से मोदी जरूर नाराज हैं। बताया जा रहा है कि एक चापलूस अधिकारी ने मोदी को खुश करने के लिए यह शरारत की है। पीएमओ ने पूरी रिपोर्ट मंगवाई है। माना जा रहा है कि जल्द ही उस अधिकार के खिलाफ कार्रवाई होगी। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !