
भाजपा के लिए कार्यकर्ताओं का आक्रोश सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मौजूद थे। टिकट को लेकर असंतुष्ट बहुत से नेता अपनी शिकायत दर्ज कराने आए थे। सुलतानपुर जिले के इसौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश पांडेय के समर्थक बड़ी संख्या में भाजपा मुख्यालय आए थे। हाथ में तख्ती लिए वे नारेबाजी कर रहे थे "इसौली को बचाना है, ओमप्रकाश पांडेय को लाना है।" दरअसल, इस क्षेत्र में ओमप्रकाश पांडेय की जगह ओमप्रकाश पांडेय बजरंगी को टिकट मिला है जिसको लेकर विरोध के स्वर मुखर हैं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि नाम का छद्म इस्तेमाल कर धोखे से टिकट दिया गया है।
उधर, बांदा जिले के तिंदवारी से भारी संख्या में आए कार्यकर्ता रामकरन सिंह उर्फ बच्चन सिंह को टिकट न मिलने से खफा थे। इस क्षेत्र से भाजपा ने बृजेश प्रजापति को चुनाव मैदान में उतारा है। बृजेश के विरोध में आए कार्यकर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कार्यकर्ताओं का कहना था कि टिकट बंटवारे में भाजपा ने पार्टी में कार्यकर्ताओं और निष्ठा की अनदेखी की है।
अपराह्न तीन बजे के करीब केशव प्रसाद इन कार्यकर्ताओं के बीच आए। नाराज कार्यकर्ताओं को उन्होंने समझाने की कोशिश की। इस बीच नारेबाजी और तेज होती रही। इसके पहले भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर समेत कई नेता कार्यकर्ताओं को समझाबुझा कर शांत करने की कोशिश कर रहे थे। भाजपा मुख्यालय में प्रदेश भर से ऐसे भी नेता आए थे जो सीधे तौर पर अपना विद्रोह जाहिर नहीं कर रहे थे लेकिन केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे थे।
आक्रोश दबाने को रणनीति
भाजपा ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को जिलों में आक्रोश दबाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जल्द ही इस निमित्त बड़े नेताओं के दौरे होंगे और वह असंतुष्ट लोगों से मुलाकात कर उन्हें पार्टी हित में काम करने की नसीहत देंगे। इस बीच प्रदेश मुख्यालय से अविलंब सभी क्षेत्रों से टिकट बंटवारे के बाद असंतोष को लेकर जमीनी रिपोर्ट मांगी गई है। पार्टी उम्मीदवारों की जीत में कौन लोग बाधा बन सकते हैं, उनके बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है।