रीवा: कागजों में 2 बार सड़क बन गई, हकीकत में मिट्टी भी नहीं डली

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए आरोप लगाया गया कि रीवा जिले में रायपुर-सीतापुर-पन्नी मार्ग का निर्माण हकीकत में अब तक नदारद है, लेकिन कागजों में एक नहीं दो बार सड़क बनी और उसका पेमेंट भी कांट्रेक्टर को कर दिया गया। लिहाजा, न केवल इस घोटाले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए बल्कि वास्तव में खस्ताहाल सड़क का निर्माण सुनिश्चित किया जाए।

मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस श्रीमती अंजुली पालो की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता विवेक सिंह की ओर से अधिवक्ता आरके त्रिपाठी ने पक्ष रखा। 

उन्होंने दलील दी कि रायपुर-सीतापुर-पन्नी मार्ग की मौजूदा हालत देखकर कोई भी सहज अंदाजा लगा सकता है कि कई वर्षों से उस पर कोई काम नहीं हुआ। इसके बावजूद ठेकेदार को दो बार भुगतान किया जा चुका है। यह एक बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में रिलीफ के बिन्दु सुधारकर नए सिरे से मांग पर बल दिया।
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