
प्रदर्शन के बाद सभा हुई, जिसे सरपंच संगठन के अध्यक्ष निर्भय सिंह यादव और पंचायत सचिव संगठन के प्रांताध्यक्ष दिनेश शर्मा समेत कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। शर्मा ने कहा कि अब किसी मंत्री और मुख्यमंत्री की बातों और वादों पर भरोसा नहीं करेंगे। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 30 जनवरी को मप्र और छत्तीसगढ़ के सरपंच और सचिव दिल्ली में धरना देकर प्रधानमंत्री को मप्र/छग के पंचायती राज की असलियत बताएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश की सभी पंचायतों में आंदोलनकारियों ने ताले लटका दिए हैं। इनका आंदोलन 27 दिसंबर से जारी है।
मटके लाए, लेकिन फोड़े नहीं
प्रदर्शनकारी अपने साथ मटके भी लाए थे। तय कार्यक्रम के मुताबिक आंदोलनकारी सैकड़ों की तादाद में मटके फोड़ने वाले थे। मंत्रियों से बातचीत के बाद बाद में ऐसा नहीं किया।
ये भी जुलानिया से खफा
पंचायत एवं गामीण विकास विभाग के अपर मु़ख्य सचिव आरएस जुलानिया से प्रदेश के सरपंच और सचिव भी खफा हैं। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने साफ कह दिया कि सरकार को जुलानिया को इस पद से हटाना चाहिए।
भीड़ देखकर सरकार भी हरकत में आई
सचिवों और सरपंचों की भीड़ देखकर सरकार भी हरकत में आ गई। सागर में चल रही भाजपा की बैठक के बावजूद दो मंत्रियों रामपाल सिंह और विश्वास सारंग ने दोनों संगठनों के अध्यक्षों से बातचीत की। पहले इन्हें एयरपोर्ट पर बुलाया गया। फिर एक होटल में बातचीत की गई। पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने बातचीत में कह दिया जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगी। पहले मांगों के संबंध में आदेश जारी करो, फिर हम आंदोलन खत्म करेंगे।