कम से कम 10 लोगों ने मुझे गलत जगह छुआ, अनगिनत धक्के लगे

BENGALURU | 31 दिसंबर की रात बंगलुरू के पॉश इलाके चर्च स्ट्रीट में नए साल के जश्न के लिए इकट्ठा हुई भीड़ की सरेआम छेड़छाड़ और सड़कों पर ज्यादती का सामने करने वाली दो लड़कियों ने अपनी आपबीती सुनाई है। 20 साल की कॉलेज स्टूडेंट सृष्टि और उसकी ही उम्र की एक दोस्त ने भी बेंगलुरू की सड़को पर 31 दिसंबर की रात हैवानियत का नंगा नाच देखा था। सृष्टि और उसकी दोस्त 31 दिसंबर की शाम फिल्म देखने के लिए निकली थीं और फिल्म खत्म होने के बाद डिनर के लिए चर्च स्ट्रीट पर पहुंचीं थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक, सृष्टि बताती हैं ''31 दिसंबर की शाम मैंने और मेरी दोस्त ने आमिर खान की फिल्म 'दंगल' देखने की सोची और हम शाम दस बजे का शो देखने रेक्स थियेटर पहुंचीं।

12:45 पर फिल्म खत्म हुई तो हम दोनों को भूख लगी थी, इसलिए हमने चर्च स्ट्रीट चलने की ठानी ताकि कुछ अच्छे खाने के साथ नए साल का स्वागत किया जा सके।'' सृष्टि पिछले छह महीने से बेंगलुरू में हैं और वो तीन से तार बार चर्च स्ट्रीट पर जा चुकी हैं, ऐसे में उन्होंने डिनर के लिए वहां चलने की सोची।

सृष्टि कहती हैं ''करीब एक बजे हम चर्च स्ट्रीट पहुंचे तो हम ये देखकर चौंक गए कि कुछ लोग शराब पीकर अजीब बर्ताव कर रहे हैं, वो लड़कियों को बेहद गलत तरीके से छू रहे हैं और सड़क पर शराब की बोतलें फोड़ रहे हैं। इसी बीच एक शख्स ने आकर मुझे पकड़ लिया, वो मुझे गलत तरीके से छू रहा था। उससे छूटी तो एक और बंदा मेरी तरफ बढ़ा। मैं बुरी तरह से डर गई। हम दोनों दोस्त दौड़कर वहां मौजूद एक पुलिसवाले के पास पहुंचीं। वो भीड़ को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था। हम दौड़कर उस पुलिसकर्मी के पास पहुंचे और सुरक्षा की गुहार लगाई। हमने उससे कैब के आ जाने तक खुद बचाने को कहा लेकिन उसने कहा कि यहां रुकना ठीक नहीं तुम लड़कियां हो, एमजी रोड़ की तरफ निकल जाए। वहीं जाकर कैब बुक करना।''

सृष्टि बताती हैं ''हम दोनों सहेलियां एमजी रोड़ की तरफ चलने लगीं, हम बुरी तरह से डर रही थीं नए साल की इस रात में हम दोनों सहेलियों का जिस्म पसीना-पसीना हुआ जा रहा था, ये हमारे किसी किसी बुरे ख्वाब जैसा था। हम चल रहे थे और लोग लगातार लड़कियों को देखते ही उनको छूना, पकड़ना, किस करने की कोशिश या फिर धकेल देना जारी रखे हुए थे। 45 मिनट चलने के बाद चर्च रोड खत्म होकर एमजी रोड शुरू हुआ, यहां भी एक पुलिसकर्मी था, मैंने उसे सारी बात बताई तो उसने भी वही सलाह दी कि जल्दी घर के लिए निकलिए। एमजी रोड़ पर वो सब हंगामा नहीं था, हम घर जा सकते थे, एक अजीब सी थकान और डर से हम टूट चुके थे। मैंने एमजी रोड़ पर आने के बाद पाया कि पिछले 45 मिनट में अनगिनत लोगों ने मुझे धकेला होगा और कम से कम 10 लोगों ने मुझे जकड़ने की कोशिश की और गलत तरीके से छुआ'' 

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