
शिवसेना के नेता दत्ता दलवी ने बताया कि वह चित्र गलत संदेश दे रही थी। उससे कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। हनुमान जैसे हिंदू देवता को दिखाने का यह सही तरीका नहीं है। छात्रों को देवताओं को इस तरह प्रस्तुत नहीं करना चाहिए। इस घटना के बारे में आयोजकों ने चुप्पी साधे रखी लेकिन वहां पर फूड कोर्ट व विजिटर्स ने बताया कि पेंटिंग को लेकर काफी हंगामा भी हुआ। शिवसेना के स्थानीय शाखा प्रमुख निलेश सालुंखे ने कहा कि वे विवादित पेंटिंग के मुद्दे पर छात्रों से मिले थे।
उन्होंने बताया, ”छात्रों ने हमें पेंटिंग बनाने वाले कलाकार को लेकर उल्टे सीधे जवाब दिए। उन्होंने कहा कि इसे छात्रों ने नहीं किसी कलाकार ने बनाई है। जब कलाकार का नाम पूछा तो नाम नहीं बताया।”
शिवसेना नेताओं ने बताया कि उन्हें इस पेंटिंग के बारे में उन्हें रविवार (25 दिसंबर) की शाम को पता चला। इसके बाद स्थानीय विधायक सुनील रावत के निर्देश पर शिवसेना कार्यकर्ता आईआईटी गए। स्टूडेंट कॉर्डिनेटर अखिल धूत ने माफी पत्र पर साइन किए। उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया हालांकि धूत ने इस घटना को छोटा सा मुद्दा बताया।