सहारा और बिड़ला की घूसवाली डायरिंयों की जांच CAG करेगी

प्रदीप ठाकुर/नई दिल्ली। राजनीतिक उठापटक का कारण बनी कथित सहारा और बिड़ला डायरियों की जांच कैग (नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक) करेगा। कैग ने बीते 4 साल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से की गए सभी बड़े सर्च और सीज ऑपरेशंस का ऑडिट शुरू कर दिया है। इसमें सहारा और आदित्य बिड़ला ग्रुप पर की गई दो सर्च भी शामिल हैं। कांग्रेस ने हाल ही में आरोप लगाया था कि आदित्य और सहारा ग्रुप की डायरीज में पीएम नरेंद्र मोदी को गुजरात का सीएम रहने के दौरान पैसे दिए गए थे।

सहारा की डायरियों में कथित तौर पर पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बीजेपी नेताओं और अन्य दलों के नेताओं के नाम भी शामिल हैं। यही नहीं इस डायरी में दिल्ली की पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शीला दीक्षित का नाम भी शामिल है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी दायर हुआ है, जिसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी में बरामद की गई डायरियों को लेकर किसी भी तरह की जांच का आदेश अब तक नहीं दिया है।

हाल ही में कैग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से कहा था कि वह सभी बड़ी इनकम टैक्स सर्च के डेटा साझा करे। इसके अलावा उसने एक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑडिट टीम के साथ कॉर्डिनेट करने के लिए भी एक टीम को भेजा था ताकि इन दो बड़ी सर्च की जानकारी हासिल की जा सके। सीबीडीटी के सूत्र ने सहारा और बिड़ला डायरियों के कैग की ओर से ऑडिट किए जाने की बात की पुष्टि की है। सूत्र ने बताया कि कैग ने इन दोनों इंडस्ट्रियल ग्रुप्स पर की गई सर्च की जानकारी मांगी। हालांकि सूत्र ने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। कैग की ओर से इस मामले में तीन महीने के भीतर जांच पूरी की जा सकती है।

देश को यह नेता लूट रहें है ओर जनता इनका गुणगान कर रही है। सत्ता में बने रहने के लिए यह नेता सिर्फ अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं।

कांग्रेस की ओर से पीएम मोदी को सहारा और बिड़ला ग्रुप की ओर से रकम हासिल होने के आरोप वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की ओर से सुप्रीम कोर्ट दायर याचिका के आधार पर यह आरोप लगाए गए थे। शीर्ष अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की है। प्रशांत भूषण ने एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से दायर याचिका के पक्ष में आईटी डिपार्टमेंट की ओर से की गई रेड में सीज किए गए डॉक्युमेंट्स को सुप्रीम कोर्ट में रखा था। भूषण की ओर से पेश किए गए इन दस्तावेजों पर अदालत ने सवाल उठाए थे। हालांकि कोर्ट ने अगली सुनवाई में उन्हें पीएम मोदी समेत कई नेताओं पर लगाए आरोपों के समर्थन में कुछ अन्य साक्ष्य पेश करने को कहा है।

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