
कमोवेश धमकी भरा यह अंदाज इन दिनों समूची भाजपा में नजर आ रहा है। संगठन के मुखिया नंदकुमार सिंह चौहान से लेकर अन्य विधायक व मंत्री भी जनता के बीच इसी लहजे में खुद को पेश कर रहे हैं।
पढ़िए इससे पहले आए कुछ धमकी भरे बेतुके बयान
29 दिसंबर को शाहपुर रेंज में रेंजर एमएस राणा को बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी भाजपा विधायक मंगल सिंह धुर्वे ने न सिर्फ कार्रवाई से रोक दिया और धमकी देते हुए यह भी कहा कि हमारी सरकार है, तुम्हें हटवा देंगे। तुम लोग सरकारी नौकर हो, हमारे क्षेत्र में बगैर हमारे पूछे कोई कार्रवाई नहीं होगी।
28 दिसंबर को गुना में प्रधानीमंत्री आवास योजना के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य का नाम लिए बगैर कहा कि यहां तो उनके बिना बच्चा भी पैदा नहीं होता।
27 दिसंबर को हरदा नगर पालिका चुनाव प्रचार में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने अपने ही कार्यकर्ताओं को धमकी दे दी कि जो पार्टी से गद्दारी करेगा उसे जमीन में गाड़ दिया जाएगा।
11 दिसंबर- होशंगाबाद में गुरुकुल के एक कार्यक्रम में उद्यानिकी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा था- मेरे पिताजी को पूर्व वित्त मंत्री राघव जी ने विस का टिकट नहीं दिया था। इसलिए उनसे बड़ा नेता बनने के लिए राजनीति में आया। राघव जी के चुनाव में जीजान से काम करने वाले मेरे पिता जी को उन्हीं ने भाजपा का सदस्य मानने से ही इंकार कर दिया था। आज मैं मंत्री हूं, दो जिलों का प्रभारी मंत्री हूं और विदिशा का जिलाध्यक्ष हूं।
28 नवंबर को अपने गृह जिले राजगढ़ में भाजपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय समन्वयक भगवतशरण माथुर ने कहा- विंध्य के ब्राम्हणों का आचरण ही अलग है। श्रीनिवास तिवारी वहां का रावण है। जब तक उसका अंत नहीं हो जाता, तब तक वहां का उद्धार नहीं हो सकता।
अक्टूबर में केजरीवाल ने जब सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा तो भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बयान दिया कि सबूत मांगने वाले क्या वीडियो देखकर अपने पिता पर भरोसा करेंगे?