
आंदोलन के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदेश एवं संभागीय पदाधिकारियों को जिला एवं ब्लॉक हेतु प्रभारी भी चिन्हित किया गया। प्रदेश के सहायक शिक्षकों को एक मुश्त शिक्षक पद पर पदोन्नति। शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान। सातवां केंद्रीय वेतनमान। प्रधानाध्यापक (प्राथमिक एवं माध्यमिक) पद के लिए छात्र संख्या के बंधन को समाप्त कर प्रत्येक शाला में पद स्वीकृत। हेड मास्टर मिडिल स्कूल से प्राचार्य हाई स्कूल पर पदोन्नति। छटवे वेतनमान में व्याप्त पे वेंण्ड विसंगति दूर की जावे। अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन। अनुकम्पा नियुक्ति नियमों का सरली करण। अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण आदि प्रमुख मांगे काफी समय से लंवित है।
प्रदेश सरकार शिक्षक एवं अध्यापको की मांगों के प्रति संवेदन शील नहीं है। इस कारण प्रदेश के शिक्षा जगत का शिक्षक, अध्यापक, एवं अतिथि शिक्षको में रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। संगठन के सामने आंदोलन ही विकल्प है क्योंकि उक्त मांगो के सम्बन्ध में सरकार को अनेको बार जिला एवं प्रदेश स्तर से ज्ञापन देकर अवगत कराया जा चुका है। अंत में संगठन के निर्णय का क्रियान्वयन करने हेतु संकल्प पारित किया गया।
बैठक में विशेष रूप से पूर्व प्रान्तीय अध्यक्षद्वय श्री राम नरेश त्रिपाठी ,श्री रमा कान्त द्विवेदी ,कार्यकारी अध्यक्ष श्री बाल कृष्ण शर्मा ,उप प्रांतध्यक्ष श्री राजेश सिंह सेंगर ,राजेंद्र साहू ,संभागीय अध्यक्ष जगदीश मिश्रा मदन मनिहार ,जोगेंद्र शर्मा जिला अध्यक्ष अशोक प्रताप सिंह ,विश्वदीप पटेरिया , अनिल नामदेव , भोला राम शर्मा ,सहित सभी जिलों के अध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहे ।वैठक का संचालन प्रान्तीय महामंत्री प्रेम नारायण तिवारी एवं नवनीत चतुर्वेदी ने किया।