घूसखोर बाबू को पकड़वाने अध्यापक ने जेवर गिरवी रखे

देवास/टोंकखुर्द। जिले के टोंकखुर्द उमावि में पदस्थ लिपिक बाबूलाल जोकचंद को लोकायुक्त पुलिस संगठन उज्जैन की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी बाबूलाल ने ब्लॉक के देवधर्मराजपुरा गांव स्थित प्रावि के अध्यापक मेहरबानसिंह से 23 माह की एरियर राशि निकालने के लिए 23 हजार रुपए मांगे थे। पहली किश्त में 10 हजार रुपए देने थे, उसी दौरान यह कार्रवाई की गई। अध्यापक की माली हालत इतनी खराब है कि उसे रिश्वत में देने के लिए 10 हजार रुपए जुटाने के लिए मृतक छोटे भाई की पत्नी का चांदी का कंदौरा शाजापुर में गिरवी रखना पड़ा। तब रुपए का इंतजाम हुए। आरोपी को दो-दो हजार रुपए के पांच नए नोट रिश्वत के रूप में दिए गए थे। 

निरीक्षक दिनेश रावत ने बताया टोंकखुर्द स्कूल में पदस्थ बाबूलाल जोकचंद को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए दो-दो हजार के पांच नए नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है। उसने देवधर्मराजपुरा स्कूल के सहायक अध्यापक मेहरबानसिंह गुर्जर से 2014 से 2016 तक के एरियर के 2.21 लाख रुपए भुगतान के लिए 23 हजार रुपए मांगे थे। शिकायत मिलने पर लाेकायुक्त पुलिस ने उसकी रिकॉर्डिंग कराई, उसके बाद रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। 

4 को हुई रिकॉर्डिंग, रुपए लेने को तैयार पर इंतजाम नहीं था : 
लोकायुक्त पुलिस के रावत और सहायक अध्यापक मेहरबानसिंह ने बताया कि 4 दिसंबर को हुई वाइस रिकॉर्डिंग में आरोपी द्वारा रिश्वत लिए जाने की बात कही थी। वह रुपए लेने को तैयार था लेकिन फरियादी मेहरबान के पास रुपए नहीं थे। नए नोटों की ही मांग कर रहा था। मेहरबान ने बताया 6 दिसंबर को मेरे भाई की प|ी का चांदी का कंदौरा गिरवी रखकर रुपए लाया इसलिए एक दिन कार्रवाई टल गई। कार्रवाई में टीम के कमल निगवाल, प्रधान आरक्षक जगनसिंह, आरक्षक संदीप कदम आदि शामिल थे। 

संविलियन का बना था एरियर : 
संविदा वर्ग तीन रहे मेहरबान का संविलियन अध्यापक संवर्ग में हो चुका है। 2014 से 2016 तक का करीब 2.21 लाख रु. का एरियर निकालने के लिए उसने कहा था पर बाबू नहीं माना। मेहरबान का दावा है कि वह जनवरी 2016 में भी संविलियन की कार्रवाई के लिए इसी बाबू को 1500 रुपए दे चुका था पर उसने कार्रवाई नहीं की थी। बाद में जिला स्तर से संविलियन हो पाया। इसी कारण मुझे डर था कि पैसा लेकर भी शायद ही यह मुझे मेरे हक का पैसा निकालकर देगा इसलिए दोस्त के कहने पर बाबू की शिकायत की। 

उधारी के कारण छुपकर स्कूल जाता था
मेहरबानसिंह ने बताया पत्नी से विवाद चल रहा है। उसे भरण-पोषण तक के रुपए नहीं दे पा रहा था। उधारी हो गई थी इसलिए स्कूल भी छुपकर जाता था। पैसों के संकट होने से कई तरह की अड़चनें थी। मजबूरन बहू का कंदौरा गिरवी रखना पड़ा पर मैंने कार्रवाई करने की ठान ली थी। 

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