नर्मदा के रेत माफियाओं के खिलाफ एसआईटी गठित

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा में रेत के अवैध उत्खनन रोकने के लिए जरूरत पड़ी तो फोर्स भी तैनात करेंगे। इस मामले में एनजीटी के निर्देशों का पालन होगा। खनिज विभाग का अमला भी बढ़ाएंगे।

वे बुधवार को सीएम हाउस में नर्मदा सेवा यात्रा को लेकर मीडिया से बात कर रहे थे। एनजीटी ने नरसिंहपुर, जबलपुर से रेत उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने और नर्मदा में उत्खनन रोकने एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री हफ्ते में एक दिन यात्रा में शामिल होंगे। सरकार 11 दिसंबर को अमरकंटक से नमामि देवी नर्मदे अभियान शुरू कर रही है। नर्मदा सेवा यात्रा प्रदेश के 16 जिलों से गुजरेगी। मुख्यमंत्री ने जनता से इस अभियान से भावनात्मक रूप से जुड़ने की अपील की।

उन्होंने बताया जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज, चिदानंद महाराज, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, संघ के सह सर कार्यवाहक भैयाजी जोशी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल माधव दवे, राजस्थान के राजेन्द्र सिंह यात्रा को रवाना करेंगे। एक सवाल पर सीएम ने कहा कि हम प्रदेश की सीमा में नर्मदा की सफाई करेंगे। आगे के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री से बात हुई है।

वैध उत्खनन ही चालू रहेगा
नर्मदा रेत के अवैध उत्खनन से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अवैध माइनिंग रोकने के अभियान चल रहे हैं। रेत की जरूरत भी है। इसलिए सिर्फ वैधानिक रूप से उत्खनन होगा। हालांकि नरसिंहपुर से सीहोर तक नर्मदा में अवैध उत्खनन के 1400 मामले सामने आने की बात आने पर मुख्यमंत्री सवाल टाल गए।

सीएम टाल गए सवाल
मुख्यमंत्री से जब आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया और रमेश थेटे से जुड़े विवाद पर बात करनी चाही, तो वे बात को टाल गए। उन्होंने कहा अभी सिर्फ इस अभियान की बात करें।

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