मप्र: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का पैटर्न बदलेगा


जबलपुर। सरकारी स्कूलों के शिक्षक, अध्यापक अब पुराने ढर्रे से बच्चों को नहीं पढ़ा पाएंगे। नए सत्र से बच्चों के साथ शिक्षकों को भी पढ़ाई के पुराने पैटर्न में बदलाव कर प्रोजेक्ट वर्क पर फोकस करना होगा। शिक्षा विभाग शिक्षकों को पढ़ाई की नई तकनीक सीखाने के लिए ट्रेनिंग देगा, लेकिन उसके पहले इस बदलाव के लिए शिक्षकों को अभी से तैयार रहने कहा गया है।


दरअसल, प्रदेश में एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के तहत शिक्षा विभाग नए सत्र (2017-18) से सरकारी स्कूलों में मप्र पाठ्यक्रम की जगह अब एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्) का पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है। एनसीईआरटी के पाठ्क्रम दो चरणों में लागू में होंगे। पहले चरण में कक्षा 1 से 7 और 9वीं से 11वीं में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी और दूसरे चरण में अगले सत्र 2018-19 में 8वीं सहित 10वीं और 12वीं में भी एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।

बच्चों को ये होगा फायदा
सरकारी स्कूल के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार रहेंगे, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में ज्यादातर सवाल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़े होते हैं।
प्रोजेक्ट बेस्ड पाठ्यक्रम होने से हर विषय को समझ और सीख पाएंगे बच्चे।
एक जैसी शिक्षा नीति होने से निजी स्कूलों के बच्चों से भी कर सकेंगे पढ़ाई में प्रतियोगिता।

----------
मप्र पाठ्यपुस्तक निगम करेंगे छपाई
मप्र की सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की किताबों की छपाई व निःशुल्क वितरण का काम मप्र पाठ्य पुस्तक निगम ही करेगा। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने पुस्तकों की छपाई के लिए मप्र शासन की ओर से राज्य शिक्षा केन्द्र एनसीईआरटी और पाठ्यपुस्तक निगम के बीच अनुबंध प्रक्रिया को जल्द पूरा करने कहा है।

-----------
ऐसा होगा पाठ्यक्रम
कक्षा 1 से 7 - गणित, विज्ञान, पर्यावरण
9वीं से 11वीं - गणित,विज्ञान, कामर्स
8वीं व 10वीं-12वीं - गणित,विज्ञान,कामर्स
--------
ये विषय भी जुड़ेंगे
वैदिक गणित, विषय का इतिहास, प्राचीन वैज्ञानिकों का परिचय, कृषि का व्यावहारिक ज्ञान, औषौधीय पौधों की जानकारी।
---------
नए सत्र से सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। शिक्षकों को अभी से तैयार करने कहा गया है। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम गतिविधि अधारित होते हैं। इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
मनीष वर्मा, संयुक्त संचालक,संभागीय लोकशिक्षण

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !