श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राज्य में आतंकवादी हमलों में वृद्धि की वजह केंद्रीय मंत्री और उनके बयान हैं। उन्होंने कहा कि पीओके मामले को लेकर आए दिन केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य कोई न कोई भड़काऊ बयान देते रहते हैं।
अबदुल्ला ने कहा कि कश्मीर में व्याप्त अशांति के लिए केवल पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। इसकी वजह की जड़ तलाशना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि भड़काऊ बयान की वजह से ही कश्मीर के नगरोटा में हमला हुआ, जिसमें सात भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि, 'हम हमलों के बाद दिए गए बयानों का खामियाजा भुगत रहे हैं। अगर हमारे शासकों ने हमलों के बाद चुप्पी साधे रखी होती और अगर उन्होंने अपने मुंह से बोलने की बजाय अपने काम से बोला होता तो शायद स्थिति ऐसी नहीं होती।'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के इस तरह के बयान कि हमलों के बाद पाकिस्तान भारत की तरफ देखने की हिम्मत नहीं करेगा और नोटबंदी ने आतंक को खत्म कर दिया है, वे अब गलत साबित हो रहे हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के बारे में उन्होंने कहाकि, 'जब रक्षा मंत्री कहते हैं कि अगर पाकिस्तान हमारी तरफ देखेगा तो हम उसकी आंखें निकाल लेंगे और उन्हें सौंप देंगे तो निश्चित तौर पर कहीं न कहीं प्रतिक्रिया होगी।' उमर ने कहा कि मंत्रियों को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और विपक्ष पर बात करने की जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए।