
गौरतलब है कि वनपरिक्षेत्र अंजनिया के पूर्व रेंजर एसके मिश्रा को नियमित गस्त के दौरान इस पहाड़ी में शीत ऋतु में अजगर दिखाई दिये थे। तभी उन्होंने यहां से लेंटाना की झाड़ी की सफाई कराई थी, सफाई के बाद से ही यहां बड़ी संख्या में अजगर धूप सेंकते देखे जाते हैं।
बदहाल है पहुंच मार्ग
अजगर दादर जानें का मार्ग बदहाल हो गया है। ग्राम पौड़ी मरार टोला तथा ग्राम ककैया से अजगर दादर की ओर जानें वाले मार्ग में बड़ी-बड़ी गिट्टियां निकल गई हैं। वहीं कुछ उत्साही स्कूली बच्चे जो कि साईकिल से ही पिकनिक मनानें अजगर दादर पहाड़ी के आसपास जाते हैं उन्हें भी यह खराब मार्ग कभी कभी मुसीबत में डाल देता है।
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"एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अजगरों को धूप सेंकते पहली बार देखा है। बड़े-बड़े अजगरों को देखकर रोमांच का अनुभव हुआ।"
अर्चना झारिया,पर्यटक मंडला।
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"सुबह 9 बजे ही आ गये थे और अजगर लगभग 12 बजे धूप सेंकनें निकले।थोड़ी इंतजार करना पड़ा लेकिन पहली बार इतनें अजगर देखे।"
सचिन झारिया,पर्यटक अंजनिया।
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"प्रशासन को यहां और व्यवस्थाएं बनानी चाहिए।यदि यहां एक म्यूजियम बनाकर अजगर के जीवन चक्र के बारे में जानकारी दी जाए तो पर्यटक के लिए यह ज्ञान वर्धक तथा रोचक होगा।"
हेमंत पटैल,वरिष्ठ नागरिक।
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"अजगर दादर पहाड़ी में वाच टावर लगाना चाहिए।जिससे की यहां का रोमांच बढ़ सके।"
शिवम यादव ,पर्यटक मंडला।