बताओ कहां लिखा है कि बीफ पौष्टिक भोजन है: हाई कोर्ट ने पूछा

Bhopal Samachar
चंडीगढ़। हरियाणा में गोमांस (बीफ) पर रोक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए। हाई कोर्ट ने याचिका कर्ता के बीफ को पौष्टिक भोजन बताने पर सवाल उठाया। हाई कोर्ट ने पूछा कि कहां लिखा है कि कहां लिखा है कि बीफ पौष्टिक भाेजन है।

मनपसंद भोजन नागरिक का मौलिक अधिकार 
दिल्ली निवासी सीआर जया सुकिन ने हरियाणा सरकार द्वारा गाय के संरक्षण और विकास अधिनियम सन् 2015 को लागू करने के फैसले को चुनौती दी है और हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि मनपसंद भोजन हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

बीफ गरीबों के लिए पौष्टिक भोजन
याचिकाकर्ता की अाेर से कहा गया कि बीफ को प्रतिबंधित करने से नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। बीफ गरीबों के लिए पौष्टिक भोजन है। याचिकाकर्ता के मुताबिक इससे चमड़े आदि का कारोबार भी प्रभावित होगा। इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि कहां और किस साहित्य में लिखा है कि बीफ गरीबों का पौष्टिक भोजन है।

बताइए कहां लिखा है गाय का मांस पौष्टिक होता है 
हाई कोर्ट की पीठ ने कहा, जब सरकार गाय और गोवंश को बचाना चाहती है तो आप क्यों उन्हें कटते देखना चाहते हो। इस पर याची ने कहा कि वह खुद गाय की इज्जत करता है, लेकिन गोवंश को खाने पर रोक नहीं लगनी चाहिए। इस पर हार्इ कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह कोई भी साहित्य या मेडिकल राय दिखाए, जिसमें कहा गया हो कि गाय का मांस खाना लाभप्रद है।

चलिए किसी अदालत का जजमेंट पेश कीजिए 
काफी समय देने के बाद भी याचिकाकर्ता इस तरह का कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सका तो पीठ ने उससे कहा कि वह अपने पक्ष में किसी अदालत का जजमेंट पेश करे। हरियाणा सरकार के वकील रणधीर सिंह ने कहा कि कृषि प्रधान प्रदेश होने के नाते राज्य मे गोवंश की रक्षा होती है और गोवंश को बचाना कृषि के लिए जरूरी है। याची द्वारा समय मांगे जाने पर पीठ ने सुनवाई अगली तारीख तक टाल दी।

सरकार दूसरा दुलीना कांड नहीं देखना चाहती
याचिका पर सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वह बीफ पर बैन हटाकर प्रदेश में दूसरा दुलीना कांड नहीं देखना चाहती है। हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल रणधीर सिंह ने कहा कि सन् 2002 में दशहरे वाले दिन दुलीना में कुछ लोगों को गाय की हत्या करने के संदेह मेंं थाने में उग्र भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। हाई कोर्ट अब इस मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 17 जनवरी को होगी। 
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