
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, रूस की सरकार ने बताया कि राजदूत एलेक्सजेंडर कदाकिन ने विदेश मंत्रालय को नोटबंदी से हो रही परेशानी के लिए एक पत्र लिखा है और फिलहाल उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। दो दिसंबर को मॉस्को के कुछ सूत्रों ने कहा था कि विरोध जताने के लिए उनकी तरफ से भारतीय राजनयिक को समन भी किया जा सकता है। रूस की सरकार इस बात का विरोध कर रही है कि भारत सरकार ने उनके राजदूतों पर हफ्ते में 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट लगा दी है। जिससे उनके राजदूतों को काफी परेशानी हो रही है।
खबर के मुताबिक, राजदूत ने सवाल किया कि इतने पैसों में कैसे काम चलेगा। नोटबंदी से हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए एलेक्सजेंडर कदाकिन ने अपने पत्र में लिखा है, ‘लिमिट इतनी कम है कि एक अच्छा सा डिनर का बिल भी नहीं भरा जा सकता।’ उन्होंने आगे सवाल किया कि इतने पैसों में दिल्ली में इतना बड़ा दूतावास कैसे काम करेगा? रूस के दिल्ली में बने दूतावास में लगभग 200 के करीब लोग रहते हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने भी नोटबंदी से हो रही परेशानी का जिक्र किया था। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 दिसंबर को नोटबंदी का एलान किया था। बताया गया था कि 30 दिसंबर के बाद 500 और 1000 के नोट चलने बंद हो जाएंगे। साथ ही 2000 और 500 के नए नोट लाने का भी एलान किया गया था। हालांकि, लोगों के पैसे निकालने और जमा करवाने के लिए कुछ पाबंदी लगाई गई हैं जिनके नियम वक्त-वक्त पर सरकार द्वारा बदले जा रहे हैं।