भोपाल। टीटी नगर थाने में कथित गुंडागर्दी और लॉकअप में बंद शराबियों को जबरन छुड़ा ले जाने के मामले में भोपाल के महापौर आलोक शर्मा के खिलाफ दायर याचिका खारिज नहीं हुई है जबकि इस मामले में पुलिस ने महापौर को निर्दोष बताते हुए ऐसी किसी घटना से ही इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से निवेदन किया है कि वो घटना के वक्त का सीसीटीवी फुटेज एवं रोजनामा मंगवाएं।
विदित हो कि महापौर आलोक शर्मा द्वारा टीटी नगर थाने में गुंडागर्दी के आरोप में लाए गए राजकपुर नामदेव और नितिन जैन को पिछले 23 अक्टोबर रात 12 बजे के करीब पुलिस हवालात से जबरदस्ती छुड़ा ले जाने के आरोपों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए भुवेनश्वर प्रसाद मिश्रा ने भोपाल अदालत में एक प्राइवेट कम्पलेन लगाई थी। भुवनेश्वर प्रसाद के वकील यावर खान ने बताया कि इस शिकायत में भुवनेश्वर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि महापौर आलोक शर्मा ने अपने पद का दुर्पयोग करते हुए टीटी नगर थाने में मौजूदा स्टॉफ के साथ गाली-गलौच और वर्दी उतरवाने की धमकी देकर राजकपुर नामदेव और नितिन जैन को हवालात से छुड़ा ले गए। आलोक शर्मा की गुंडागर्दी थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गई थी।
स्थानीय टीवी चैनलों ने घटना के दूसरे दिन आलोक शर्मा की गुंडागर्दी को दिनभर दिखाया था। साथ ही राजधानी के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस वीडियो रिकार्डिंग को आधार बनाकर महापौर आलोक शर्मा की टीटी नगर थाने में की गई कथित गुंडागर्दी को प्रमुखता से छापा गया था।
टीटी नगर थाने द्वारा कोर्ट को भेजे गए अपने प्रतिवेदन में पुलिस ने दावा किया है कि टीटी नगर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो कि आलोक शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग कर पुलिस स्टॉफ के साथ गाली-गलौच की और लॉकप से राजकपुर नामदेव और नितिन जैन को जबरदस्ती छुड़ा ले गए। पुलिस रिपोर्ट में टीवी चैनलों द्वारा दिखाए गए फूटेज को भी गलत बताया है।
एड्व्होकेट यावर खान ने इंडिया वन समाचार को बताया है कि उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज और घटना के दिन से संबंधित रोज नामचा को कोर्ट बुलवाए। इस मुकदमे की अगली पेशी 18 दिसंबर है।