मप्र में क्लर्क: औसत वेतन 8000 रुपए, काली कमाई 10 करोड़

इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार सुबह इंदौर विकास प्राधिकरण के क्लर्क (सहायक ग्रेड-दो) राजेंद्र बिरथरे के संतनगर स्थित आवास पर दबिश देकर उनके पास करोड़ों की संपत्ति होने का खुलासा किया। क्लर्क की अब तक का कुल औसत वेतन 8000 रुपए प्रतिमाह निकल रहा है। नौकरी के पहले दिन से रिटायरमेंट तक 25 लाख रुपए वेतन मिला है परंतु काली कमाई 10 करोड़ से ज्यादा की आंकी गई है। 

लोकायुक्त के डीएसपी ब्रजराज सिंह परिहार ने बताया कि बिरथरे के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत पर शुक्रवार सुबह उनके संतनगर स्थित आवास पर दबिश दी गई. इस दबिश में मिले दस्तावेजों से पता चला कि उनके इंदौर में तीन आवास और एक भूखंड हैं. घर से एक किलोग्राम सोना और साढ़े तीन किलोग्राम चांदी के जेवरात मिले हैं. इसके अलावा उनकी खरगोन में 32 एकड़ कृषि भूमि है. बिरथरे के सेवाकाल का कुल वेतन जोड़ा जाए तो वह केवल 25 लाख रुपये ही बैठता है. वह अगले माह सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, बिरथरे और उनके परिवार के सदस्यों के 12 बैंकों में 37 खाते हैं. 18 पॉलिसियों के दस्तावेज मिले हैं. नौ गाड़ियां हैं, जिनमें चार गाड़ी चार पहिया और पांच दोपहिया हैं. उसके अलावा भी कई स्थानों पर निवेश के दस्तावेज मिले हैं. इस मामले की जांच जारी है.
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