अतिथि शिक्षकों ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। प्रदेश में जब से अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया गया है तब से स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ा है किन्तु सरकार की लगातार वादाखिलाफी के कारण आज अतिथि शिक्षक एक मजदूर से भी कम वेतन पा रहा है, जबकि अतिथि शिक्षक नियम विपरीत पूरे दिन स्कूल में रहकर सभी कालखंड में बच्चों को शिक्षा देने का काम करता है। इसके ऊपर विद्यालय के प्राचार्य की ज्यादती का शिकार होता है। 

फिर भी सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए आज तक वेतन नही बढ़ाया है। 2013 के चुनाव के दौरान एवं जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नियमित करने की घोषणा की थी किन्तु आज तक इसमें कोई ठोस कार्यवाही नही हुई है। इस संबंध में अतिथि शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायकों एवं मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री से अपनी बात कई बार कही है किन्तु आज तक इस पर कोई निर्णय नही लिया गया है। इसी के विरोध में सोमवार को अतिथि शिक्षक संघ ने इंदिरा तिराहे से रैली निकाल कर कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर आर.पी. तिवारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा जिसमें कहा गया है कि हमें बोड बैंक न समझा जाये बल्कि हमें हमारी मांगों को पूरा करें। इसके लिए हमने कई बार आंदोलन किये है किन्तु बार-बार हमें झूठा आश्वासन मिल रहा है। 

पूर्व के आंदोलन में शिक्षा मंत्री पारस जैन ने शाहजनी पार्क भोपाल में आश्वासन दिया था कि कमेटी बनाकर दस दिवस के अंदर समस्याओं का निराकरण करेंगें किन्तु यह झूठ का पुलिंदा साबित हुआ ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में मंत्री की बातों पर किसी को ऐतवार नही है। अगर यही रहा तो आने वाले समय में सरकार को युवा शक्ति अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी। संघ ने सरकार को चेतवानी देते हुए कहा है कि 10 दिवस के अंदर अगर कोई फैसला नही होता तो 17 दिसंबर को अतिथि शिक्षक भोपाल में आमरण अनशन के लिए बाध्य होगें। 

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