LUN के जबलपुर आॅफिस को इंदौर शिफ्ट करने की साजिश

संजय साहू/जबलपुर। मप्र सरकार द्वारा छोटे-मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया लघु उद्योग निगम आज गिने चुने हुये अफसरों की प्राईवेट प्रापर्टी बनकर रह गया है। निगम का संभागीय कार्यालय हो या उपसंभागीय दोनों में ही इस वक्त पद रिक्त पड़े हैं। ले-देकर एक प्रभारी संभागीय अधिकारी था उसका भी तबादला इंदौर कर दिया गया है। इसके बाद कयास लगाना शुरू हो गये हैं कि सतना की तरह इस कार्यालय को भी इंदौर शिफ्ट किया जा रहा है। इस विषय का एक ज्ञापन लघु उद्योेग निगम में कार्यरत ठेकोंदारों द्वारा गत दिवस प्रवास पर आये मुख्मंत्री शिवराज सिंह को एक ज्ञाापन सौंपा गया। 

ज्ञापन में कहा गया कि मप्र लघु उद्योग निगम के मुख्य महाप्रबंधक जेएस शरन द्वारा उद्योग भवन जबलपुर में स्थित लघु उद्योग निगम के कार्यालय को इंदौर शिफ्ट करने की साजिस रच रहे हैं। ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि बताया जाता है कि जबलपुर स्थित लघु उद्योग निगम के कार्यालय को सतना की तर्ज पर बंद करने की साजिश रची जा रही है। इससे पूर्व सतना स्थित कार्यालय को बंद करके ग्वालियर कार्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। जिससे रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल अनूपपुर, उमरिया, आदि जिलों में कार्य करने वाले ठेकेदारों को ग्वालियर जाकर अपने काम करवाने पड़ रहे हैं जबकि उक्त कार्य जबलपुर से पूरे किये जा सकते थे। और यहां की दूरी भी कम होती।

प्राईवेट प्रापर्टी बना निगम
सूत्रों का कहना है कि निगम का कार्यालय महाप्रबंधक ने प्राईवेट प्रापर्टी बना रखा है। जिसे जब चाहा काम से निकाल दिया जिसे चाहा रख लिया। जबकि भोपाल में महाप्रबंधक की पद वाले अधिकारी मौजूद हैं उसके बाद भी जबलपुर को प्रभारी प्रबंधक पी के पंचोलिया को बनाकर भेज दिया गया जो दो-दो माह जबलपुर नहीं आते हैं। और बड़े ताव से ये भी कहते हैं कि 57 साल का हो गया हूॅ इंदौर से जबलपुर नहीं आ सकता। इस प्रकार के अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं की जाती उल्टा ईनाम स्वरूप उनका तबादला इंदौर ही कर दिया जाता है। जिससे एक बार निगम कार्यालय में डिवीजन और सब डिवीजन अधिकारी विहीन हो गया है।

नहीं उठता फोन
इस संदर्र्भ में जब पीके पंचोलिया से बात करना चाही तो उनके मोबाईल नंबर 9425601834 पर लगातार घंटी जाती रही किन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं महाप्रबंधक जे एस सरन के मोबाईल नंबर 9425601133 में फोन रिसीव तो किया गया लेकिन वहां से बोला गया कि रांग नंबर है। जबकि दोनों ही नंबर शासन द्वारा प्रदाय किये गये हैं। जिस पर शासकीय कर्मी को बात करना ही होती है।

ये रहे उपस्थित
ज्ञापन सौंपते समय संतोष दुबे अरविंद पांडे, दिलीप मिश्रा, सहित नरसिंहपुर, मण्डला, डिडौंरी, सिवनी के अनेक ठेकेदार उपस्थित रहे जिन्होंने एक सुर में मुख्यमंत्री से मांग की है कि मुख्य प्रबंधक जेएस शरन की जॉच की जाये तथा कार्यालय को जबलपुर से इंदौर ले जाने की साजिश को रोका जाये।  ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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