
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजेश दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि गांव दूर-दराज में स्थिति है। यहां मोबाइल का नेटवर्क तक ठीक से नहीं मिलता। ऐसे में हाजिरी एप का उपयोग परेशानी से भरा होगा। ऐसे में वेतन रोकने की चेतावनी से घबराहट फैल गई है।
चूंकि हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच इस तरह के एप पर पूर्व में रोक लगा चुकी है। अतः मुख्यपीठ से भी राहत अपेक्षित है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद पूर्ववत मैन्युअल हाजिरी सिस्टम लागू रखे जाने की व्यवस्था दे दी।