नोटबंदी से डरी वृद्धा ने सुसाइड कर लिया

नईदिल्ली। कहा गया था कि औचक नोटबंदी से तकलीफ केवल उन्हीं लोगों को होगी जो बेईमान हैं, काले कारोबारी हैं और देशद्रोही हैं परंतु इसके इतर कुछ आम नागरिकों पर भी पड़ा है, क्योंकि अचानक हुए इस फैसले से लोगों तक सही और पूरी जानकारी पहुंच ही नहीं पाई। अफवाहों का बाजार गर्म हुआ और उसने नुक्सानदायक प्रभाव छोड़ा। तेलंगाना के महबूबाबाद जिले में एक महिला ने इसलिए सुसाइड कर लिया क्योंकि लोगों ने उसे बताया कि 500 एवं 1000 रुपए के नोट अब रद्दी हो गए हैं। जबकि उसके घर में 56.40 लाख रुपए नगदी रखा हुआ था। उसे चंदरोज पहले ही जमीन बेची थी। पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में यह दर्ज किया है कि नोटबंदी से घबराने के बाद महिला ने सुसाइड कर लिया। 

पुलिस के मुताबिक 55 वर्षीय कांडूकुरी विनोद ने घर में अपने आपको उस वक्त फांसी के फंदे से लटका लिया, जब उसके बेटे और पति सो रहे थे। जब केंद्र सरकार ने 500 और एक हजार रुपए के नोट बंद किए तो विनोद का परिवार काफी दुखी थी। पुलिस के मुताबिक महिला के परिवार ने कुछ दिन पहले ही 12 एकड़ खेती की जमीन 56.40 लाख रुपए में बेची थी। यह जमीन उन्होंने अपने बीमार पति के ईलाज के लिए बेची थी। 1.4 लाख खर्च करने के बाद बाकी का कैश उनके घर में था। ये सारे 500 और 1000 रुपए के नोट थे। परिवार दोबारा से जमीन खरीदने की योजना बना रहा था। 

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक विनोद अपनी पूरी जमीन बेचने को तैयार नहीं थी, घर में इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। लेकिन जब पीएम मोदी ने नोट बंद करने की घोषणा की तो अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। जिन लोगों की पहुंच टीवी चैनलों और इंटरनेट तक थी वो तो अपडेट रहे परंतु देश का एक बड़ा वर्ग आज भी सभी तरह के संचार साधनों से दूर है। उस वर्ग में अफवाहों का बाजार गर्म रहा। परिवार के सभी लोग दुखी थी क्योंकि उन्हे पता चला था कि उनके सारे नोट रद्दी कागज हो गए हैं। अब उनका कोई मोल नहीं रहा।  ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)
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