संविदा शाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की नई तारीख

भोपाल। साल दर साल टलते टलते मप्र संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा का वक्त वही आ गया जिसका अनुमान शुरू से लगाया जा रहा था। हर साल परीक्षा कराने का वादा करने वाली सरकार, विधानसभा चुनाव से पहले भर्तियां करेगी ताकि इसका चुनावी लाभ उठाया जा सके। बताया जा रहा है कि मार्च 2017 में प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 41 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर यह भर्ती की जाएगी। 

इसके नियम तैयार हो चुके हैं। शहडोल-नेपानगर उपचुनाव के बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक में नियमों पर मुहर लग सकती है, वहीं सरकार की तैयारी को देखते हुए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने भर्ती परीक्षा की संभावित तारीखें घोषित कर दी हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कैबिनेट इसी साल भर्ती नियमों पर मुहर लगाएगी और नियम पीईबी को भेज दिए जाएंगे। ऑनलाइन परीक्षा होने से पीईबी को इंतजाम करने में चार से पांच माह लग सकता है। हालांकि रिजल्ट में देरी नहीं होगी। तीनों वर्ग की परीक्षा में 20 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है।

47 हजार शिक्षकों की कमी
आरटीई के मापदंडों के मुताबिक प्रदेश के 1.23 लाख सरकारी स्कूलों में 47 हजार शिक्षकों की कमी है। इसमें 35 छात्रों पर एक शिक्षक का प्रावधान है। कमी होने से अंग्रेजी, गणित आदि विषयों का रिजल्ट खराब हो रहा है। वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सरकार ने शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन नि:शक्तों को आरक्षण का प्रावधान नहीं था। इसलिए प्रक्रिया बीच में ही रोकनी पड़ी थी।

36 से बढ़कर 41 हजार हो गई संख्या
तीन सालों में संविदा शिक्षकों की भर्ती न होने के बीच रिक्त पदों की संख्या 36 से बढ़कर 41 हजार हो गई। वर्ष 2013 में स्कूल शिक्षा विभाग ने 36 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था। वित्त ने सरकार की आर्थिक स्थिति का हवाला देकर सिर्फ 18 हजार शिक्षकों की भर्ती की सलाह दी थी। 2016 में फिर से प्रस्ताव तैयार हुआ, तब तक 41 हजार से ज्यादा पद खाली हो गए।

किस वर्ग की परीक्षा कब
पीईबी ने भी संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर ली है। बोर्ड ने वर्ष 2017 के शेड्यूल में तीनों वर्ग की परीक्षा को रखा है। शेड्यूल के मुताबिक वर्ग-एक की परीक्षा 27 से 29 मई, वर्ग-दो की परीक्षा 19 से 23 अगस्त और वर्ग-तीन की परीक्षा 15 से 31 अगस्त के मध्य होगी।

कैसे सालों तक टलती रही भर्ती परीक्षा
फरवरी 2013 में पहली बार शिक्षकों के 36 हजार पद भरने की घोषणा।
मई-13 में स्कूल शिक्षा विभाग ने नियम बनाना शुरू किया।
दिसंबर 13 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रक्रिया रोकी गई।
जून-14 में विभाग में नियमों के लेकर बैठकें हुईं।
दिसंबर-14 में व्यापमं (बोर्ड) को नियम भेजे गए।
जनवरी-15 में नियमों में नि:शक्तों को आरक्षण नहीं देने की गलती सामने आई।
मार्च-15 से फिर नियम बनाना शुरू। नियम वित्त विभाग को भेजे गए। वित्त ने पद आधे कर दिए।
जनवरी-16 में नए सिरे से खाली पदों की गणना कर प्रस्ताव में शामिल किए गए।
अप्रैल-16 में कई विभागों को नियम भेजकर अनुशंसा कराई गई।
अक्टूबर-16 में कैबिनेट के सामने रखने के लिए संक्षेपिका तैयार कराई गई।
वर्तमान में लोक शिक्षण संचालनालय में संक्षेपिका का परीक्षण चल रहा है।
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