नोट पर कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती... ये फोटो आप पर हमारा भरोसा तोड़ता है

कुमार अतुल। अरुन्धती और चंद्रा कोचर जी, देश में और भी बैंकर्स हैं। आप दोनों टीवी पर ज्यादा दिखती हैं। आत्मविश्वास से लबरेज। बैंक ग्राहकों को आश्वस्त करने वाले बहुत से बयान आए। लोगों ने यकीन भी किया लेकिन नोटबंदी के 12 दिन बाद अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि आपके बैंकों ने आम जनता को बहुत दुख दिया है। नोटबंदी के बाद जहां एटीएम को और दुरुस्त होना चाहिए था वे अब लगातार बंद चल रहे हैं। आप कहते हो कैश की कमी नहीं है। क्या आपको चुनाव लड़ना है। आपके बहाने से सभी बैंकर्स से यही कहना है कि सब बुरी तरह से फेल हुए हैं। ट्रान्सपरेन्सी कहीं नहीं है। बंद एटीएम से कब कैश मिलेगा भगवान को भी नहीं पता।

उद्योग धंधे चौपट हैं। बाजार बेनूर हैं। लोगों के पास पैसे नहीं हैं तो खर्च कहाँ से करें। अपने ही पैसों के लिए भिखमंगे की तरह लाइन में लगने के बाद भी कोई गारंटी नहीं कि वह मिल ही जाए। लोग मौके का फायदा उठा रहे हैं। एक पुलिस वाला आता है और पंद्रह बीस डेविट कार्ड पासवर्ड लेकर आता है। पैसे निकालता है और लाइन में लगे लोग फेल हो जाते हैं। एटीएम पर भी हुड़ हुड़ दबंग!

सरकार हुजूर! 
नोटबंदी के फैसले के बाद मैंने मोदी जी के साथ मोहम्मद बिन तुगलक का जिक्र किया था। जिस तरह से बैंकों की बिना किसी तैयारी के नोटबंदी का फैसला लागू किया गया। उससे साबित हो गया कि फैसला तुगलकी था। अपराध शास्त्र का सामान्य नियम है कि भले ही दस अपराधी छूट जाएं मगर एक भी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। मुट्ठी भर कालाबाजारियो को दंड देने के लिए आपने 124 करोड़ जनता को परेशान कर दिया। कहते हैं धोबी से पेश न पाए तो गधे का कान उमेठे। काले धंधेबाज अभी भी आपके काबू में नहीं हैं। लाइन में मजदूर और मजबूर ही लग रहे।

सरकार हुजूर! 
जिन नोटों को एक लम्हे में रद्दी का टुकड़ा घोषित कर दिया और उसकी वाहवाही लूटने लगे उनको आप जैसी चुनी सरकार ने कभी चलवाया था। हर नोट पर लिखा होता है कि मैं धारक को. ..रुपये अदा करने का वचन देता हूँ। केंद्रीय सरकार द्वारा प्रत्याभूत मतलब सरकार इसकी गारंटी देती है। नोटों पर कोई तारीख नहीं होती। एक सरकार द्वारा दी गई गारंटी को आप एक झटके में खारिज कर सकते हैं। काले धन पर अंकुश लगना चाहिए इसमें किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन आपने इसके लिए जो तरीका अपनाया वह 12 दिन में फ्लाप साबित हुआ है। 

आपने उन लोगों का क्या किया जिन्होंने नोटबंदी के दौरान रात रात भर सर्राफो की दुकानें खुलवा कर पुराने नोटों के बदले सोने चांदी से अपने घर भर लिए। नोटबंदी की शाम तीस हजार रुपये चल रहा सोना एकाएक 40 -50-55 हजार रुपये तोला तक क्यों चला गया। फैसले के तीन दिन में ही 45 टन सोना किन लोगों ने खरीदा।

मुकेश अंबानी का आपकी पीठ पर रखे हाथ वाली तस्वीर से पता नहीं आपको क्या फील होता है हमें तो देखकर शर्म आती है कि अपनी बीवी से शिष्टाचारवश हाथ मिलाते सवा सौ करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री की पीठ पर कैसे एक धृष्ट उद्योगपति हाथ फेर कर जता रहा है कि लोकतंत्र के शीर्ष पुरुष के प्रति वह किस तरह की भावना रखता है।

आप पर करोड़ो अरबों रुपये का सरकारी लोन लेकर पचाने वालों को माफ करने का आरोप है। इन आरोपों का जवाब कौन देगा। एक भी बड़ी मछली को पकड़ा हो बताइयेगा। कहते हैं भूखे भजन न होइ गोपाला। यह हाल जब भगवान का है आपके भक्त भी अगर आपसे छिटकने लगे तो अचरज मत कीजिएगा।
लेखक अमरउजाला (मुरादाबाद ) में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। 
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