शिवराज सरकार ने छोटे कर्मचारियों की बेटियों को दिया झटका, योजना बंद

भोपाल। दलित छात्रों की हाई एजुकेशन का पूरा खर्चा उठाने वाली शिवराज सरकार ने मप्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बेटियों को दी जाने वाली एजुकेशन लोन के ब्याज पर सब्सिडी बंद कर दी है। यह सब्सिडी शिवराज सरकार ने 8 साल पहले शुरू की दी। इसके तहत छोटे कर्मचारी की बेटियों को चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा अथवा उच्च शिक्षा हेतु बैंक से लिए गये ऋण पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी। 

योजना के अन्तर्गत 1 अप्रैल 2004 के बाद बैंक द्वारा कर्मचारी की पुत्री की व्यावसायिक शिक्षा हेतु स्वीकृत एवं जारी किए गए ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान देने का निर्णय लिया गया। योजना में उन कर्मचारियों को शामिल किया गया था जो नियमित सेवा या फिर कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले शासकीय कर्मचारी हों।

कर्मचारी संगठन ने किया विरोध
इस फैसले से करीब पांच लाख कर्मचारियों की बेटियों के सामने पढ़ाई का संकट पैदा हो सकता है। कर्मचारी संगठनों ने ऐसे फैसले का विरोध किया है तथा सरकार से ब्याज अनुदान जारी रखने को कहा है।  मप्र कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने कहा है कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बेटियों की पढ़ाई के लिए मिलने वाले अनुदान को रोकना गलत है। द्विवेदी ने कहा सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। हजारों छोटे कर्मचारियों के बच्चे व्यावसायिक उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं इस अनुदान के बंद होने से इतने सारे कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। सरकार विसंगति का पता कर कार्रवाई करे।

वित्त विभाग के आदेश में भी हुई चूक
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में भी बड़ी चूक सामने आई है। हाल ही में जारी आदेश में कहा गया है कि 22 मई 2008 के जारी आदेश के अनुसार द्वितीय और चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवकों की बेटियों को बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान देने संबंधी योजना को निरस्त किया जाता है। जबकि पुराने आदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए योजना का जिक्र है। दिलचस्प यह है कि द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों की बेटियों को इसके पूर्व भी इस तरह के ब्याज अनुदान का कोई प्रावधान सरकार नहीं किया है।
( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!