
आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "ज़रूरत है कि बीजेपी तथा आरएसएस मिलकर उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए उसी तरह अपनी रणनीति का आकलन कर लें, जैसा हमने असम में चुनाव के वक्त किया था। आरएसएस नहीं चाहता कि (उत्तर प्रदेश में भी) बिहार जैसी स्थिति बने, जहां समन्वय में कमी ने नतीजों को प्रभावित किया था।
मोहन भागवत और वीके सिंह ने किया था बिहार में नुक्सान
एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरएसएस उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए एक आचार संहिता भी निश्चित कर देना चाहती है। पिछले साल हुए बिहार चुनाव के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तथा जनरल वीके सिंह जैसे बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों से पार्टी को वोटरों का मन जीतने में दिक्कतें पेश आई थीं, और बीजेपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन से मिली करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
यूपी के लिए ऐजेंडा चाहिए
बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बहुत साल बाद अपने लिए सरकार बनाने का यह बेहतरीन मौका लग रहा है, और इसीलिए उसका ज़ोर समन्वय पर है। पार्टी ने हालांकि अभी यह तय नहीं किया है कि चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा कौन होगा, और फिलहाल वह चुनाव के लिए एजेंडा भी तलाश ही कर रही है, जिसके गिर्द वह अपने प्रचार अभियान की रूपरेखा बुनेगी।