
देवास जिले के सिया गांव में सीताराम (60) अपनी पत्नी के साथ झोपड़ी बनाकर रहते हैं, उनकी जिंदगी का गुजारा भीख मांगकर होता है। मूल रूप से राजस्थान निवासी यह दंपति बीते 20 वर्षो से इसी गांव में रह रहे हैं। भीख मांगने वाले इस दंपति ने 500-1,000 रुपये के बंद होने की खबर सुनी तो उसकी नींद उड़ गई। गांव के सरपंच ईश्वर सिंह पंवार ने शुक्रवार शाम संवाददाताओं को बताया कि गांव में रहने वाले भिखारी दंपति उनके पास 96 हजार रुपये मूल्य के 500-500 रुपये के नोट लेकर आए। उनका कोई बैंक खाता भी नहीं है।
अंधे भिखारी सीताराम ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने आड़े वक्त पर काम चलाने के लिए नोट जमा कर रखे थे। अब समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। यहां बता दें कि यदि आपके पास बैंक अकाउंट नहीं है लेकिन सरकारी आईडी प्रूफ है तो भी आप एक दिन में 4000 रुपए के नोट बदल सकते हो।
( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)