
विभाग के अनुसार सौम्या बिल्डर्स के यहां 2012 में छापा पड़ा था। इसमें उन्होंने जो राशि सरेंडर की थी, उस पर बकाया टैक्स और पेनाल्टी नहीं जमा कराई थी। 2015 में यह बकाया 26 करोड़ रुपए था। इसमें 4 करोड़ डायरेक्टर संजय सिन्हा पर बकाया थे। इसी की वसूली के लिए विभाग की सेंट्रल विंग ने बिल्डर के यहां जांच की थी। इसमें पाया गया कि बिल्डर अच्छी आर्थिक स्थिति होने के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि बिल्डर लोन लेकर घर खरीदने वालों की रजिस्ट्री तो घर के मूल्यांकन की 50 फीसदी राशि मिलने पर ही कर देता है। शेष पैसा वह बैंक से लेता रहता है। विभाग ने ऐसे ग्राहकों को नोटिस देकर कहा है कि वे अपनी बैंक से बकाया राशि का भुगतान बिल्डर की जगह आयकर विभाग को कराएं।