
विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि समाप्त किये गये पदों पर संविदा कर्मचारियों का युक्ति युक्तकरण कर उन्हें दूसरी पदों पर मर्ज किया जायेगा लेकिन विभाग ने केवल आधे कर्मचारियों का युक्तियुक्तकरण किया शेष कर्मचारी अधिकारी आज भी सड़कों पर घूम रहे हैं। अप्रैजल केवल संविदा कर्मचारियों का करवाया गया नियमित कर्मचारियों का अप्रैजल नहीं कराया गया।
अप्रैजल में ढेरों विसंगतियां थी उनकी अपील की गई लेकिन विभाग ने कोई सुनवाई नहीं की। अप्रैजल में कर्मचारियों का उत्तीर्ण प्राप्तांक 65 प्रतिशत रखा गया। किसी भी परीक्षा में उत्तीर्ण प्राप्तांक 33 प्रतिशत होता है। अप्रैजल भी अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से लिया गया। कर्मचारी को कार्य कुछ आबंटित था अप्रैजल किसी अन्य कार्य का ले लिया गया। एक महिला 6 महीने से मेटरनिटी लीव पर थी। उसका भी अप्रैजल लेकर उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई।
सरकार ने की वादा खिलाफी
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि फरवरी माह में स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने प्रदेश व्यापी 18 दिन का आंदोलन किया था। आंदोलन के समय विभागीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा, विभाग के प्रमुख सचिव गौरी सिंह, आदि ने विधानसभा में मीडिया के सामने आंदोलन यह कहकर समाप्त करवाया था कि हम आपकी मांगे पूरी करेंगें लेकिन मांगे पूरी करना तो दूर निकालने की कार्यवाही कर दी जिसके खिलाफ मप्र के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 4 अक्टूबर को राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में सुबह 10 बजे से धरना देंगें।