
युवती का आरोप है कि वर्ष 2013 में एक दिन अचानक शावेज बहाने से उसके घर में घुस आया और उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद शावेज जब-तब उसके घर आने लगा और उसे बदनाम करने की धमकियां देकर शारीरिक शोषण करने लगा। कुछ समय बाद वह गर्भवती हो गई। मजबूर होकर उसने अपने साथ हो रहे जुल्म के बारे में मोहल्ले-पड़ोस के कुछ लोगों को बताया और मदद मांगी। मोहल्ले के लोग उसके पक्ष में खड़े हो गए। उन्होंने शावेज के परिवार वालों पर उसके साथ उसका निकाह कराने का दबाव बना लिया। पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए शावेज को मोहल्ले वालों की बात माननी पड़ी।
15वें दिन बेटी को बेच दिया
पीड़िता का आरोप है कि 16 अप्रैल 2014 को उसने सुविधा अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया। इसके कुछ ही दिन बाद शावेज ने उसके साथ निकाह कर लिया लेकिन निकाह करते ही एक गोदनामे पर उसका अंगूठा लगवा लिया और फिर उसकी बेटी जो 15 दिन की भी नहीं हुई थी, उसे ठिरिया निजावत खां गांव के एक दंपति के हाथों 25 हजार रुपये में बेच दिया। पीड़िता के मुताबिक शावेज ने इसके बाद भी उसके साथ बीवी जैसा कोई रिश्ता नहीं रखा।
ससुर रोज करता था रेप
आरोप है कि शावेज का पिता शकील अहमद उसे डरा-धमकाकर उसका शारीरिक शोषण करने लगा। पीड़िता का कहना है कि करीब साल भर यह सिलसिला चला। इसके बाद शावेज ने अचानक उसे तलाक देकर 14 अप्रैल 2015 को उसका निकाह फरीदपुर में रहने वाले एक अधेड़ से करा दिया। मगर वहां भी फोन करके उसे परेशान कराता रहा। 10 जून 2015 को मौका पाकर वह वहां से भाग निकली और 14 जून को उसने शावेज और उसके पिता के खिलाफ थाना प्रेमनगर में मुकदमा दर्ज करा दिया।
FIR होते ही फिर निकाह का वादा किया
मुकदमा दर्ज होते ही शावेज और उसके परिवार वालों ने फिर रंग बदल लिया। शावेज ने पीड़िता से दोबारा निकाह करने का वादा करके उससे समझौतानामे पर अंगूठा लगवा लिया और उसके आधार पर पुलिस से केस में फाइनल रिपोर्ट लगवा ली लेकिन इधर फाइनल रिपोर्ट लगी और उधर वह समझौते से मुकर गया। पीड़िता ने अब फिर एसएसपी को अर्जी देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। एसएसपी ने इस मामले में पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।