बालाघाट में रह रहा भारत पर हमला करने वाला चीनी सैनिक, वापस जाना चाहता है

भोपाल। 1962 में भारत पर हमला करने वाली चीन की सेना में शामिल एक सैनिक 'वांग ची' भारतीयों पर मारते-काटते इतना अंदर आ गया कि उसे पता ही नहीं चला कब उसकी सेना पीछे छूट गई। मार-काट के दौरान जवाबी हमले में 'वांग ची' घायल हो गया। रेडक्रॉस के कार्यकर्ता उसे केंप में ले आए। पता चला ये तो दुश्मन का सैनिक है। फिर भी इलाज किया और सेना को सौंप दिया। सरकार ने मात्र 6 महीने जेल में रखा, फिर ना केवल रिहा किया बल्कि पुनर्वास भी कराया। एक भारतीय महिला ने घर बसाया। बावजूद इसके 'वांग ची' भारत का ऋण स्वीकार नहीं करता। 77 साल की उम्र में भी पत्नी बच्चों को छोड़कर चीन जाना चाहता है। कहता है भाईयों से मिलना है। सवाल यह है कि भाई कभी मिलने के लिए भारत आए क्या ? 

मात्र 6 साल रखा जेल में
'वांग ची' को भारत-चीन युद्ध के दौरान जनवरी 1963 में भारतीय रेड क्रॉस ने पकड़कर असम में भारतीय सेना के हवाले कर दिया था। इसे भारत सरकार की उदारता ही कहेंगे कि वांग ची को 6 साल उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान की अलग-अलग जेलों में रखा गया। इतना ही नहीं 1969 में जेल से रिहा करने के बाद वांग ची का मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के तिरोड़ी गांव में पुनर्वास कर दिया गया। वांग ची करीब पांच दशक से यहां ही रह रहे हैं। इस बीच एक भारतीय महिला ने उससे विवाह कर उसका घर भी बसाया। 

चीन की सरकार ने नहीं की मदद 
अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में वांग ची ने बताया कि वह 2014 से भारत और चीन सरकार से अपने देश वापस जाकर भाई-बहनों से मिलने की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन अब तक दोनों देशों की सरकारों ने उसकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई है। वांग ची के तीन भाई और दो बहनें हैं, जो चीन में ही रहते हैं। चीन की सरकार को अपने इस जांबाज सैनिक पर अब कोई तरस नहीं आता। 

अब भारत सरकार से भावुक अपील
परिवार और अपने वतन की बात करते हुए वांग ची कई बार भावुक हो जाते हैं। उन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उम्मीदें हैं। वह कहते हैं, मैनें दोनों के बारे में बहुत सुना है और मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि मुझे अपने भाई-बहनों से मिलने की अनुमति दें। कहते हैं मैं अपनी मां का लाड़ला बेटा था, यह भी वचन देते हैं कि अपने परिजनों से मिलकर भारत लौट आएंगे। यहां एक भारतीय महिला ने उनसे विवाह कर उनका घर बसाया है। 

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