भोपाल। मप्र के मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग के बाद साफ्टवेयर में खराबी के नाम पर हुई कथित गड़बड़ी का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी रहा। कॉलेज च्वाइस फिलिंग कराना चाहते हैं परंतु छात्रों का कहना है कि जो कॉलेज पहले मिला था, उसी में एडमिशन दिया जाए। छात्रों ने च्वाइस फिलिंग से इंकार कर दिया है।
मंगलवार सुबह से निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए दोबारा नीट यूजी की काउंसलिंग शुरू होने के साथ ही दाखिले लेने वालों छात्रों ने जमकर हंगामा किया है। गौरतलब है कि सरकार ने कोर्ट को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 87, बीडीएस की 4 एवं निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की 730 व बीडीएस की 944 सीटें आखिरी चरण की काउंसलिंग में साॅफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण खाली रहने की जानकारी दी थी। जिस पर दाखिले की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू की जानी थी।
छात्र च्वाइस फिलिंग का विरोध कर रहे है। छात्रों का कहना है कि जब हमें पहली और दूसरी काउसलिंग के दौरान ही कालेज दे दिया गया है। तो फिर एडमिशन देने की बजाए च्वाइस फिलिंग क्यों करवाई जा रही है। एडमिशऩ की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन के भीतर ही तैयार करा दी गई थी लेकिन इस बारे में हमें किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। और बाद में उसे अचनाक कैंसिल करा दिया गया।
छात्रों का कहना है कि हमें काउसलिंग के दौरान जो कालेज मिला है उसी में हमे एडमिशन दिया जाए। हम च्वाइस फिलिंग नहीं करेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए काउसलिंग का समय बढ़ाकर 7 अक्टूम्बर तक कर दिया है।