
इससे पहले हुई शिवराज कैबिनेट की इस बैठक में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी करने के बारे में पहले भी कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया था लेकिन, कर्मचारी संगठनों की आपत्ति के बाद इस प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए कुछ संशोधनों के साथ दोबारा लाने के लिए वापिस कर दिया था। कैबिनेट ने नए संशोधनों के साथ आए प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी।
बता दें कि मप्र के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। वो हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ मुकदमा जीते तो शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट में भी कर्मचारी जीते लेकिन सरकार ने फैसले पर अमल नहीं किया। इसके बाद अवमानना याचिका लगाई गई। तब सरकार हरकत में तो आई लेकिन मामले को टालने का हर अंतिम प्रयास करती रही।