भोपाल। प्रदेश के युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार की गारंटी को बैंक नहीं मानते। ऐसे में अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत लोन चाहने वाले युवाओं को कर्ज के लिए मकान या संपत्ति गिरवी रखनी पड़ रही है।
छिंदवाड़ा के चेतन जैन ने स्वरोजगार के लिए बैंकों से लोन लेने कई चक्कर लगाए। बाद में यूनियन बैंक से लोन लेने के लिए मकान गिरवी रखना पड़ा। बाद में रोजगार स्थापित होने पर इन्होंने बैंक बदल दिया। अब इन्हें अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए मार्केटिंग की भी जरूरत है, जिसके लिए सरकार से मदद मांग रहे हैं।
शिवपुरी में सोयाबीन के प्रोडक्ट से बिजनेस स्टार्ट करने वाले गिरिराज मंगल बताते हैं कि उनका जीएमआर नाम से सोया मिल्क, टोफू और एलाइड प्रोडक्ट्स का कारोबार है। एसबीआई से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत 40 लाख का कर्ज लिया और सरकार की बैंक गारंटी की बात कही पर बैंक ने लोन देने से मना किया। इसके बाद अपनी प्रापर्टी माडगेज की तब जाकर बैंक ने कर्ज दिया।