सीएम शिवराज सिंह अब भी चीनी कारोबारियों के साथ काम करने को उत्सुक

भोपाल। भले ही ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध जताया हो। भले ही देश भर में चीन के उत्पाद और व्यापार के खिलाफ माहौल बन गया हो परंतु मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी भी चीन के व्यापारियों के साथ काम करने को उत्सुक हैं। समिट में एक भी चीनी कारोबारी में मप्र में इंट्रस्ट नहीं जताया, बावजूद इसके शिवराज सिंह ने संभावनाओं के द्वार खोल रखे हैं। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन के समापन समारोह के बाद कहा, इस सम्मेलन में चीन से फिलहाल कोई निवेश प्रस्ताव नहीं आया है लेकिन आने वाले दिनों में कोई चीनी कंपनी प्रदेश में निवेश करती है, तो यह मेक इन इंडिया की मूल भावना के अनुरूप ही होगा। 

ऐसे वक्त जब चीनी उत्पादों के बहिष्कार के समर्थन में देश भर में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है, क्या चीनी नुमाइंदों को निवेशक सम्मेलन में बुलाने का फैसला उचित था। इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, यह अभियान चीन में बने सस्ते सामान को भारत में खपाये जाने के खिलाफ चल रहा है। हमने कभी किसी से नहीं कहा कि वह चीन में बने उत्पाद खरीदें। उन्होंने कहा, हम मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं यानी अगर चीनी कंपनियां मध्यप्रदेश में निवेश करती हैं, तो इससे हमारे प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे़ स्वदेशी जागरण मंच ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में चीनी नुमाइंदों को बुलाए जाने पर पिछले 15 दिन में अलग-अलग प्रदर्शन किया है। संगठन का आरोप है कि भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चीन लगातार पाकिस्तान की आर्थिक मदद कर रहा है। इसलिए चीनी कंपनियों को प्रदेश में पूंजी निवेश के लिये एक इंच भी जमीन नहीं दी जानी चाहिए। 

बता दें कि निवेश के नाम पर मप्र में आने वाली कंपनियों में सस्ती दरों पर जमीनें और टैक्स में भारी छूट दी जातीं हैं। जहां तक रोजगार का सवाल है तो अभी तक हुए एमओयू में किसी भी कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वो अपने यहां मौजूद रोजगार के अवसरों में से कितने प्रतिशत मप्र के युवाओं के लिए आरक्षित रखेंगी। 

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