मप्र: 4 लाख पेंशनर्स को होगा 10 हजार तक का नुक्सान | कर्मचारी समाचार

भोपाल। यूं तो शिवराज सिंह सरकार मप्र के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा भी करवाती है परंतु 4 लाख पेंशनर्स के साथ अक्सर अन्याय करती हुई दिखाई देती है। 7वां वेतनमान के मामले में भी वित्त विभाग ने पेंशनर्स को 10 हजार तक का नुक्सान पहुंचाने की प्लानिंग कर ली है। कर्मचारियों को इसका लाभ 2016 में ही मिल जाएगा लेकिन पेंशनर्स को 2017 में कटापिटा लाभ पहुंचाया जाएगा। 

वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार कर्मचारियों और पेंशनर्स के मामले में 2.57 गुना बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन वित्त विभाग ने पेंशनर्स को मिलने वाली बढ़ोतरी में कमी करने का प्रस्ताव देकर इसपर अड़ंगा लगा दिया। सूत्रों की माने तो पेंशनर्स के लिए 2.42 का फाॅर्मूला लागू किया जा सकता है। इससे प्रत्येक पेंशनर्स को तीन हज़ार से लेकर 10 हजार रुपए प्रति माह तक का नुकसान हो सकता है।

मुख्यमंत्री की भी नहीं सुनी 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा था कि पेंशनर्स के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद अफसरों ने पेंशनर्स के फार्मूले में परिवर्तन करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। दलील दी कि इससे होने वाली लगभग 300 करोड़ की बचत का उपयोग नई भर्ती में किया जा सकता है। इसके अलावा बढ़ती हुई पेंशन लाइबिलिटी का हवाला भी वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है ।

यह होगा असर
शहरों में 50-60 फीसदी निम्न मध्यम व मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं। सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलने से बाजार सुधरेगा। रियल एस्टेट मार्केट जोर पकड़ेगा। सब्सिडी वाले कार और हाउसिंग लोन में दो गुनी बढ़ोतरी हो सकती है।

मतभेद न करे सरकार
वित्त सेवा लेखा अधिकारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष गोपाल दुबे ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को कर्मचारी और पेंशनर्स के बीच मतभेद नहीं करना चाहिए और सातवें वेतनमान का लाभ एक साथ ही देना चाहिए।

यह भी हुआ है
बढ़े हुए वेतन का लाभ देने के लिए वित्त विभाग ने सबसे पहले उन ग्रेड-पे स्केल को एक साथ शामिल किया है जो केंद्र और राज्य में एक समान हैं। इसी के साथ जिन ग्रेड-पे के स्लेब में केन्द्र और राज्य में अंतर है, उसे दूर किए जाने का रास्ता भी निकाला जा रहा है। वेतनमान को लेकर बने अंतर को समाप्त करने के लिए अलग से चार्ट बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ के पास अभी तक नहीं भेजा प्रस्ताव
सरकार ने अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार के पास इस बारे में कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है। वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार जो पेंशनर्स 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए है उन्हें तो 2.57 के फाॅर्मूले के तहत ही लाभ देने का प्रस्ताव है। उसके पहले सेवानृवित हुए पेंशनर्स को 2.42 की दर से लाभ दिया जाए। गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से मप्र के पेंशनर्स को महंगाई राहत या वेतन आयोग की सिफारशें लागू करने के लिए उसकी सहमति भी लेनी होती है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !