मप्र: भरे मंच पर सीएम के सामने भिड़ गए 2 मंत्री

भोपाल। जब भी कोई सरकार पुरानी हो जाती है, उसमें घरेलू तनाव स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। मप्र में 12 सालों से संचालित शिवराज सरकार में भी दरारें साफ दिखाई देने लगीं हैं। पहले घरेलू बैठकों में तनातनी होती थी, अब भरे मंच पर तानाकशी होने लगी है। बीते रोज सीएम शिवराज सिंह की मौजूदगी में वनमंत्री गौरीशंकर शेजरवार और शिक्षामंत्री विजय ​शाह भरे मंच पर एक दूसरे को ताने मारते नजर आए। 

'दीनदयाल वनांचल सेवा" के शुभारंभ अवसर पर मंच से ही डॉ. शेजवार ने कहा कि वनांचल के स्कूलों में मास्साब नियमित नहीं जाते हैं। मातृ-शिशु मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की भी महती आवश्यकता है। वनांचल सेवा की पृष्ठभूमि समझाते हुए डॉ. शेजवार ने संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर तंज कसा।

उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बताते हुए कहा कि वन क्षेत्रों में पदस्थ वन अधिकारी-कर्मचारी भी परिस्थितियों में इतने ढल चुके हैं। उन्हें क्षेत्रों में चिकित्सक का रोल अदा करना पड़ रहा है। इस कारण महिला वनरक्षकों को आशा कार्यकर्ताओं की तरह ट्रेंड करने का काम वन विभाग करेगा।

मंत्री की ये बातें मंच पर मौजूद मंत्रियों को नागवार गुजरीं। फिर भी महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस चुप रहीं। जब संबोधन का मौका शाह का आया तो उन्होंने भी मंच से जवाब देने के अंदाज में कहा कि स्कूल शिक्षा में सुधार के साथ ही कुपोषण से निपटने का मंत्र वन विभाग के पास है।

विभाग वन क्षेत्रों में दो-दो हेक्टेयर जमीन दे दे। जिसमें स्कूल, आंगनबाड़ी भवन भी बन जाएं और शेष भूमि में फलों-सब्जियों की खेती हो सके, ताकि कुपोषण मिटे। उन्होंने स्कूलों की समस्या पर कहा कि वन क्षेत्र के स्कूलों के लिए आदिमजाति कल्याण विभाग से वार्ता करने से ही समस्या हल होगी।

मंत्री शाह योजना की जानकारी समय से नहीं मिलने से भी नाराज दिखाई दिए। पूछने पर उन्होंने बताया कि योजना के विषय में मुझसे बात नहीं की गई, कार्यक्रम में ही मुझे योजना का पूरा ब्योरा पता चला है। ज्ञात हो कि शाह पहले वन मंत्री रह चुके हैं।

तीनों मंत्रियों की स्थिति देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने अपने भाषण में सामंजस्य बनाकर चलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार में हर विभाग अपना-अपना काम करता है, लेकिन अभी मिलकर काम करने की जरूरत है। समस्या बताने भर से उसका निदान संभव नहीं है।

योजनाओं के सही क्रियान्वयन से मसलों को हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभागों में आज तालमेल की आवश्यकता है, वह भी पूरी जबावदेही के साथ। चौहान ने यहां तक कहा कि यदि विभाग एक-दूसरे को समझें, तो बेहतर काम हो सकेगा।

सीसीएफ कान्फ्रेंस में पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को योजना का शुभारंभ किया है। योजना वन विभाग की है, जिसे स्कूल, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास और आदिमजाति कल्याण विभाग के सहयोग से चलाया जाएगा। योजना के तहत वन क्षेत्र में स्थित 24 हजार गांवों में वनकर्मी क्षेत्र के लोगों का इलाज करेंगे और पढ़ाएंगे।

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