धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदें: 13गुना फायदा होगा

दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। धनतेरस को लेकर बाजारों में खासी रौनक देखने को मिल रही है। दरअसल धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में पूजा जाता है। इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी जरूर की जाती है।

शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरी अपने हाथ में अमृत कलश लिए हुए प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है। धन और वैभव देने वाले इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था। 

यही वजह है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है लेकिन अगर भगवान की प्रिय वस्तु पीतल की खरीदारी की जाए तो इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है। आपको बता दें कि पीतल का निर्माण तांबा और जस्ता धातुओं के मिश्रण से किया जाता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही उपयोग किया जाता है।
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