भोपाल। कुछ वर्षों पहले उमा भारती जब मप्र की मुख्यमंत्री हुआ करतीं थीं, तब हुबली की एक कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था और उमा को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। अब जबकि उमा भारती केंद्रीय मंत्री हैं, भोपाल कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया। मामला दिगिवजय सिंह को 'मिस्टर बंटाढार' बुलाने के बदले चल रहे मानहानि के मुकदमे का है। जो भोपाल कोर्ट में चल रहा है।
जानकारी के अनुसार कोर्ट पहले भी कई बार मंत्री भारती को अपना पक्ष रखने के लिए बुला चुका है, लेकिन वे नहीं पहुंचीं। इस स्थिति में कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। मामले की सुनवाई के लिए पिछले दिनों भोपाल पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उमा के वकील ने इस मुद्दे पर उनसे बात की। अब इस मामले से संबंधित दूसरे गवाह अपने-अपने बयान अदालत में दर्ज कराएंगे। मीडिया के एक सवाल पर सिंह ने जवाब दिया था कि इस मामले में मेरी केवल एक ही शर्त है कि 'उमा अदालत में मुझसे माफी मांगे उसके बाद मैं उनके खिलाफ मुकदमे को वापस लूंगा।'
यह था मामला...
मप्र के 2003 के विधानसभा चुनाव के दौरान उमा भारती ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पद क दुरुपयोग करते हुए 15 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। उमा भारती के इन आरोपों को लेकर दिग्विजय सिंह ने उमा भारती पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सिंह ने तंज कसते हुए कहा था कि 'पंद्रह हजार करोड़ रुपए की बात तो छोड़ दो, उमा मेरे खिलाफ केवल 15 रुपए के भ्रष्टाचार को भी साबित नहीं कर सकती।