कश्मीर: शांति के प्रयास बेमतलब रहे, फैसला फिर दिल्ली में

राकेश दुबे@प्रतिदिन। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू में 17 शिष्टमंडलों के करीब 200 लोगों से मुलाकात की, मगर अमन बहाली या शांति की उम्मीद कहीं गुम होती दिखी। अब सब कुछ दिल्ली में तय होगा, जब यहां सभी दलों की बैठक के बाद एक्शन प्लान तैयार होगा। जारी हिंसक गतिविधियों को संभालने की कोशिश कहीं-न-कहीं बे-पटरी होती दिख रही है। हालांकि, सरकार के रवैये में कहीं कोई कमी नहीं नजर आ रही है। किंतु जिस तरीके से गृहमंत्री की महीने भर की कवायद परवान नहीं चढ़ सकी, वह जरूर केंद्र की परेशानी बढ़ाने वाली है।

केंद्र सरकार ने अपने सख्त रुख को दरकिनार करते हुए पहले तो पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाई, फिर राज्य के सभी संगठनों या जमात को बातचीत के लिए बुलाया। इसके बावजूद अलगाववादी घटकों का गैर कश्मीरियत, गैर इंसानियत और गैर जम्हूरियत सलूक यही संदेश दे रहा है कि नासूर बन चुके इस मसले का हल अब सख्त रुख अपनाए बिना बेहद दुष्कर है, वैसे भी आतंकवाद का खात्मा कठोर रुख और दृढ़ निश्चय सोच से ही फलीभूत हो सकता है। शायद, कश्मीर इसी राह पर जा रहा हो। जन्नत को दोजख बनाने वाले कुछ मुट्ठी भर लोगों की सनक और हिंसक वैचारिक सोच वालों को उनकी औकात बताना, वक्त  के लिहाज से बेहद आवश्यक हो चला है। बातचीत होनी चाहिए। सरकार ने भी रोशनदान तक खुले रहने की बात कहकर विपक्ष को यह कहने का मौका नहीं दिया कि सरकार एकतरफा सोच के साथ घाटी आई है। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि सरकार ने वो हर उपाय अमन बहाली के लिए किए, जिसकी दरकार घाटी के लोगों को इस वक्त सबसे ज्यादा है।

चूंकि गेंद अब केंद्र के पाले में है, चुनांचे सरकार को भी इस अति नाजुक मसले पर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ना होगा। सिर्फ अलगाववादियों के नकारात्मक रुख को जिम्मेदार ठहराने भर से अपनी गलतियां नहीं छुप सकतीं। केंद्र को खुद में भी झाकंने की शिद्दत से जरूरत है कि आखिर उनके प्रयास में कमियां कहां रह गई। उसे वो सब ‘रोशनदान’ भी खोलने होंगे, जिसकी आड़ लेकर अलगाववादी और पड़ोसी मुल्क आतंक का खेल करते हैं। सचमुच, आज का कश्मीर पहले के कश्मीर से बहुत बदल चुका है। इसे संजीदगी से समझने की जरूरत है। सभी को केंद्र को, राज्य सरकार को और राज्य की जनता को भी।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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